इस ‘महाबली’ के आगे टेलीकॉम दिग्गज हुए फेल, जानिए कहां हुआ खेल
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को टेलीकॉम इंडस्ट्री का ‘महाबली’ कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. अब इस ‘महाबली’ के आगे टेलीकॉम इंडस्ट्री की बाकी दिग्गज कंपनियां फेल हो चुकी हैं. इसका ताजा उदाहरण ट्राई के फ्रेश डाटा से देखने को मिला है. जुलाई के महीने में जियो से लेकर एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के कस्टमर्स में गिरावट देखने को मिली है. वहीं सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के कस्टमर्स में इजाफा देखने को मिला है. वास्तव में जुलाई के महीने में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने फेयर में इजाफा किया था. जिसका असर कस्टमर्स में गिरावट के रूप में देखने को मिला. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टेलीकॉम रेगुलेटर की ओर से किस तरह के आंकड़ें देखने को मिले हैं.
जुलाई में कितनी बढ़ाई थी दरें
मोबाइल सेवा शुल्क में वृद्धि का असर जुलाई में स्पष्ट दिखाई दिया. रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों की संख्या घटी है. इसके परिणामस्वरूप देश में दूरसंचार ग्राहकों की कुल संख्या में गिरावट आई. रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने जुलाई के पहले सप्ताह में अपनी मोबाइल सेवा शुल्क दरों में 10-27 फीसदी की वृद्धि की थी. एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने पिछले दो-तीन साल में अपने शुरुआती स्तर की मोबाइल दरों को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 199 रुपये कर दिया है. इसकी वैधता 28 दिन की है.
बीएसएनएल ने मारी बाजी
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शुक्रवार को जारी मासिक ग्राहक रिपोर्ट के अनुसार, देश की सबसे बड़ी सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) एकमात्र ऐसी कंपनी रही, जिसने पिछले महीने नए कस्टमर्स जोड़े और नए शुद्ध ग्राहक जोड़ने के मामले में बाजार में सबसे आगे रही. रिपोर्ट के अनुसार, बीएसएनएल ने जुलाई में 29.4 लाख से ज्यादा मोबाइल कस्टमर एड किए. जिसका प्रमुख कारण देश में बाकी टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ के मुकाबले बीएसएनएल सबसे सस्ता है. वहीं बीएसएनएल के नेटवर्क में काफी सुधार देखने को मिला है. वहीं 4जी नेटवर्क पर भी तेजी के साथ काम हो रहा है.
दिग्गज कंपनियों को नुकसान
दूसरी तरफ, भारती एयरटेल ने 16.9 लाख मोबाइल ग्राहक खो दिए, जो अन्य कंपनियों के मुकाबले सबसे अधिक है. वोडाफोन आइडिया (वीआई) और रिलायंस जियो ने क्रमशः 14.1 लाख और 7.58 लाख मोबाइल ग्राहक खोए. कुल मिलाकर, देश में दूरसंचार ग्राहक आधार जुलाई में मामूली रूप से घटकर 120 करोड़ 51.7 लाख रह गया. यह जून में 120 करोड़ 56.4 लाख था. मोबाइल सेवाओं की दरों में बढ़ोतरी के बाद पूर्वोत्तर, महाराष्ट्र, राजस्थान, मुंबई, कोलकाता, तमिलनाडु, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश दूरसंचार सर्किलों में मोबाइल ग्राहक आधार में गिरावट दर्ज की गई.
फिक्स्ड लाइन में प्राइवेट कंपनियों को फायदा
वायरलाइन या फिक्स्ड लाइन कनेक्शन खंड में ग्राहकों की संख्या जुलाई में लगभग एक फीसदी की वृद्धि के साथ तीन करोड़ 55.6 लाख हो गई. जून में यह तीन करोड़ 51.1 लाख थी. रिलायंस जियो 4.80 लाख से अधिक नए ग्राहक जोड़कर फिक्स्ड लाइन खंड में सबसे आगे रही. भारती एयरटेल ने 1.36 लाख से अधिक नए ग्राहक जोड़े, वीएमआईपीएल ने 12,413, वोडाफोन आइडिया ने 11,375, टाटा टेलीसर्विसेज ने 3,971 और क्वाड्रेंट ने 12 नए फिक्स्ड लाइन ग्राहक जोड़े.
इस खंड में बीएसएनएल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. इस सरकारी कंपनी ने 1.34 लाख फिक्स्ड लाइन ग्राहक खोए और इसकी सहयोगी कंपनी ने 56,454 ग्राहक खो दिए. देश में ब्रॉडबैंड ग्राहक आधार जुलाई में बढ़कर 94 करोड़ 61.9 लाख हो गया. जून में यह 94 करोड़ 7.5 लाख था. देश में कुल ब्रॉडबैंड कनेक्शन में शीर्ष पांच कंपनियों का योगदान 98.42 फीसदी है.