इस मोर्चे पर चीन की खत्म होगी बादशाहत, भारत ऐसे बढ़ा रहा ताकत!

सेमिकंडक्टर चिप को लेकर अब पूरी दुनिया की नजरें भारत की ओर टिक गई है. इस मोर्चे पर दुनिया के सभी देश चीन प्लस वन की पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. ऐसे में सेमीकंडक्टर पर चीन की बादशाहत को खत्म करने के लिए भारत ने अपनी ताकत को बढ़ाने का काम कर दिया है. इस पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने रविवार को कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण समान विचारधारा वाले देश भारत को एक प्रमुख सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए उसके साथ सहयोग कर रहे हैं.
माइक्रोन और टाटा ने ​शुरू किया काम
कृष्णन ने कहा कि अमेरिकी स्टोरेज सेमीकंडक्टर मेकर माइक्रोन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की प्रायोगिक सुविधाओं ने पहले ही चिप तैयार कर लिए हैं, और गुजरात में उनके प्रमुख प्लांट 2025 की दूसरी तिमाही से भारत में निर्मित चिप का उत्पादन शुरू कर देंगे. कृष्णन ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर, और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण यह अहसास बढ़ रहा है कि सेमीकंडक्टर एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रणनीतिक वस्तु है, और इसलिए हमें सेमीकंडक्टर के उत्पादन में पर्याप्त मजबूती की आवश्यकता है.
कोविड में उठाना पड़ा था नुकसान
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सेमीकंडक्टरों में मजबूती के महत्व को रेखांकित किया गया था, जब कई उद्योगों- वाहन उद्योग, चिकित्सा उपकरण उद्योग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उनके पास चिप तक पहुंच नहीं थी, जिसके कारण यह विश्वास पैदा हुआ कि विशेष रूप से सेमीकंडक्टरों की सोर्सिंग के लिए अधिक विविधीकरण होना चाहिए.
इन देशों का मिल रहा साथ
उन्होंने कहा कि कई समान विचारधारा वाले देश भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि भारत को अगले प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके, जहां सेमीकंडक्टर विनिर्माण वास्तव में हो सकता है. यह मूल रूप से ग्लोबल सेमीकंडक्टर प्राइस चेन में मजबूती बनाने के लिए है. हमारा अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, जापान और अब सिंगापुर के साथ भी समझौता है.

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