इस वजह से AC के सेल में आई तूफानी तेजी, 27,500 करोड़ के इस मार्केट में आने जा रहा बूम

भारत में एयर कंडीशनर (एसी) इंडस्ट्री लगभग 27,500 करोड़ रुपए की है और इसके अगले चार साल में दोगुना होने की संभावना है. एसी कंपनी ब्लू स्टार ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय एचवीएसीएंडआर (हीटिंग, वेंटिलेटिंग, एयर कंडीशनिंग और रेफ्रिजरेटिंग) उद्योग तेजी से वृद्धि के लिए तैयार हैं. देश में एसी की डिमांड और लोगों के बीच इसे पॉपुलर बनाने में सरकार के एनर्जी एफिशिएंट या कहें स्टार रेटिंग मॉडल की अहम भूमिका रही है.
क्यों बढ़ रही है सेल?
आम लोगों के बीच धारणा है कि एसी बिजली का बिल बहुत खाता है. ऐसे में एसी स्टार रेटिंग से लोगों को ये अंदाजा लगने लगा कि एक निश्चित इस्तेमाल से उनका बिजली का बिल कितना आएगा. जब लोगों को ये अहसास हुआ कि वह इसे अफॉर्ड कर सकते हैं, तो उन्होंने एसी की खरीद करना शुरू कर दिया. यही वजह है कि सेल में तेजी देखने को मिल रही है.
इस रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
यह वृद्धि घरेलू एसी की कम पहुंच और खर्च लायक अधिक इनकम वाले मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या, विशेष रूप से टियर थ्री, फोर और फाइव के शहरों के बाजारों से आने वाले उपभोक्ताओं जैसे कारकों से प्रेरित होगी. ब्लू स्टार के चेयरमैन और सीएमडी वीर एस आडवाणी ने 2023-24 की सालाना रिपोर्ट में कंपनी के शेयरधारकों से कहा है कि भारतीय एसी उद्योग (घरेलू और कमर्शियल दोनों) का वर्तमान मूल्य लगभग 27,500 करोड़ रुपए है, जो अगले चार वर्षों में दोगुना होने का अनुमान है. इससे एसी स्टॉक में भी तेजी आ सकती है.
कंपनी अपने भविष्य के बिजनेस के बारे में ‘आशावादी’ है, क्योंकि मौसम का रुझान बदल रहा है, जिससे गर्मियां बढ़ रही हैं, तथा आवासीय और कमर्शियल एयर-कंडीशनिंग में एक नया और मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो भी सामने आया है. आडवाणी ने कहा कि ब्लू स्टार ने अपनी मुख्य क्षमताओं को मजबूत करने, नई क्षमताएं हासिल करने, नई प्रक्रियाएं बनाने और नए टेक्नोलॉजीज को अपनाने के लिए तीन वर्षीय रणनीतिक योजना शुरू की है.
वोल्टास ने लगाया था ये अनुमान
कंपनी ने कहा है कि घरेलू और विदेशी कंपनियों की उपस्थिति के कारण भारतीय घरेलू एसी बाजार में कंपटीशन तेज हो गई है. इसके पीछे बढ़ती गर्मी, आमदानी में आई थोड़ी तेजी और ग्राहकों को आसानी से मिल जा रहे EMI के ऑप्शन ने एसी की बिक्री में बूस्टर डोज का काम किया है. कंपनी का मानना है कि अब शहर के साथ गांव क्षेत्र में भी बेहतर जीवनशैली की चाह बढ़ी है, जिसकी वजह से लोग एसी खरीदने में अधिक रूची ले रहे हैं. वोल्टास ने कहा है कि भारतीय घरेलू एसी बाजार के 2028-29 तक 12 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है.
ऐसे बढ़ता गया देश में AC का बाजार
अब अगर हम एसी के बाजार की बात करें, तो पहले आम तौर पर कमर्शियल स्पेस जैसे कि ऑफिस, मॉल के लिए एसी की खरीद ज्यादा होती थी. अब घरेलू एसी की बिक्री बढ़ी है. सीमा के मुताबिक इस साल जो 1.4 करोड़ एसी बिकने की उम्मीद है, उनमें से करीब 1 करोड़ ऐसी सिर्फ रेजिडेंशियल यूज के लिए रहने वाले से हैं.

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