ईरान ने टेके घुटने! US से बातचीत के लिए तैयार, खामेनेई बोले – हमें कोई दिक्कत नहीं
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में अमेरिका के साथ अपने देश के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा है कि ईरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है, भले ही अमेरिका को ‘दुश्मन’ माना जाता हो. ये बयान खामेनेई ने एक सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो संदेश में दिया है. उन्होंने कहा कि “हमें अपनी उम्मीदें दुश्मन से नहीं करनी चाहिए” और “अपनी योजनाओं के लिए हमें दुश्मनों की मंजूरी का इंतजार नहीं करना चाहिए”.
खामेनेई की ये टिप्पणियां सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की सरकार के तहत होने वाली बातचीत के संदर्भ में जरूरी मानी जा रही हैं. उन्होंने ये भी साफ किया कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन बातचीत में शामिल होना विरोधाभासी नहीं है. ये बयान ईरान के लिए एक नई दिशा का संकेत हो सकता है, खासकर जब 2015 के परमाणु समझौते के समय की बातें याद की जाए, जिसमें ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की स्पीड धीमी करने पर सहमति जताई थी.
पेजेश्कियान की सरकार के पास कितनी गुंजाइश?
खामनेई की टिप्पणियों के बावजूद ये साफ नहीं है कि पेजेश्कियान की सरकार के पास कितनी गुंजाइश होगी. इस समय इजराइल-हमास युद्ध के चलते पश्चिम एशिया में तनाव बना हुआ है और अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी चल रही है. ऐसे में ईरान के लिए बातचीत की संभावनाएं सीमित हो सकती हैं.
अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ीं
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. खामेनेई की ये नई रणनीति अमेरिका के साथ बातचीत की संभावनाओं को खोल सकती है, लेकिन ये भी एक चुनौती है, क्योंकि ईरान का परमाणु कार्यक्रम तेजी से तैयार हो रहा है.
ऐसे में, खामेनेई की ये टिप्पणियां ईरान की विदेश नीति में एक जरूरी मोड़ की ओर इशारा कर रही हैं, जो कि क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर काफी प्रभाव डाल सकती हैं.