ईरान ने भेजा था कुरान जलाने का बदला लेने वाला संदेश, स्वीडन ने किया खुलासा

स्वीडन में 2023 में लोगों के पास आए एक हिंसक मैसेज आया था, एक साल बाद इसका आरोप स्वीडन ने ईरान पर लगाया है. स्वीडन के प्रॉसिक्यूटर ने कहा कि ईरान की खुफिया एजेंसी ने देश के एक SMS ऑपरेटर को हैक कर, कुरान जलाने वाले प्रदर्शनों का बदला लेने वाला संदेश भेजा थे. स्वीडन सरकार ने दावा किया है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने एक डेटा ब्रीच के जरिए करीब 15 हजार संदेश भेजे थे.
स्वीडन के वरिष्ठ प्रॉसिक्यूटर मैट्स जुंगक्विस्ट ने कहा कि स्वीडन की इंटरनल सुरक्षा एजेंसी SAPO की जांच में खुलासा हुआ है कि इसके पीछे ईरान का हाथ था, जिसने ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की मदद से एक स्वीडिश कंपनी में डेटा ब्रीच किया.” स्वीडन के बयान में उस कंपनी का खुलासा नहीं किया गया है, जिसके डेटा में IRGC ने सेंधमारी की.
क्या था पूरा मामला?
पिछले कुछ सालों में स्वीडन में कुरान जलाने के मामले काफी बढ़ गए हैं. 2022 के समय जब स्वीडन में कुछ दक्षिणपंथी और मुस्लिम विरोधी एक्टिविस्ट ऐलानिया तौर पर कुरान जला रहे थे, तब विश्वभर में स्वीडन सरकार के खिलाफ मुसलमानों का गुस्सा बढ़ गया था. लेकिन स्वीडन सरकार ने इसपर एक्शन नहीं लिया, बल्कि कुरान जलाने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस प्रोटेक्शन दी.
कुरान जलाने वाले प्रदर्शन और रैली फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर आयोजित किए गए थे, जिन्हें स्वीडिश संविधान के तहत संरक्षित किया गया और पुलिस सुरक्षा मिली.
जिसके बाद अगस्त 2023 को स्वीडन के करीब 15 हजार लोगों के पास एक मैसेज आया जिसमें कुरान के अपमान का बदला लेने की बात कही गई थी. इस मैसेज के बाद पूरे स्वीडन में डर का माहौल बन गया था.
स्वीडन सरकार का कहना है कि ये मैसेज ईरान की सोसाइटी में तनाव पैदा करने के मकसद से किया गया था. जांच में बताया गया है कि इस मैसेज के पीछे अंजू टीम नामक एक ग्रुप का हाथ था, जो ईरान से जुड़ा है.
स्वीडन की छवि बिगाड़ने की थी साजिश
स्वीडन की खुफिया एजेंसी सैपो ने कहा है कि हैकर्स के साथ मिलके ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने एक साइबर ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन का मकसद स्वीडन की छवि एक इस्लामोफोबिक देश के रूप में पेश करना था.

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