ईरान से बचने की एकमात्र उम्मीद पर इजराइल के अंदर ही दो फाड़!
ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका और उसके कई सहयोगी गाजा में सीजफायर की कोशिशों में जुटे हैं. माना जा रहा है कि गाजा में संघर्षविराम ही ईरान के गुस्से को कम कर सकता है.
दरअसल पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद से गाज़ा में भीषण संघर्ष जारी है. मौत का आंकड़ा 40 हज़ार को पार कर चुका है तो वहीं गाज़ा की करीब 90 फीसदी आबादी विस्थापित हो चुकी है. ऐसे में हमास और इजराइल सीजफायर के लिए समझौता करते हैं तो शायद ईरान भी इजराइल पर हमले का प्लान टाल दे.
बातचीत के लिए नेतन्याहू राज़ी
हमास और इजराइल के बीच मध्यस्थता करा रहे अमेरिका, क़तर और इजिप्ट ने दोनों पक्षों से सीजफायर के लिए बातचीत की अपील की थी. इन देशों ने कहा था कि गाजा में युद्धविराम के लिए अब देरी करने की कोई वजह नहीं है. वहीं हमास लीडर इस्माइल हानिया की मौत से ईरान बौखलाया हुआ है, उसने इजराइल से प्रतिशोध लेने की कसम खाई हुई है. ईरान से तनाव के बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी सीजफायर के लिए बातचीत को राज़ी हो गए, उन्होंने बीते हफ्ते ही 15 अगस्त को होने वाली इस वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने का ऐलान कर दिया था.
‘सरकार को वार्ता में शामिल नहीं होना चाहिए’
नेतन्याहू के इस ऐलान के बाद से इजराइल की सरकार में मतभेद की खबरें सामने आ रहीं हैं. मंगलवार को तिशा बाव के मौके पर इजराइल के दक्षिणपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने अल अक्सा मस्जिद का दौरा किया.
מסר חשוב מהר הבית, בתשעה באב: pic.twitter.com/9GYa5CZHHw
— איתמר בן גביר (@itamarbengvir) August 13, 2024
इस दौरान उन्होंने अपना एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया है, जिसमें बेन ग्वीर कह रहे हैं कि उनकी सरकार को हमास के साथ गाजा युद्ध विराम वार्ता में शामिल नहीं होना चाहिए. उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि “हम इस युद्ध को जीत सकते हैं, हमें हमास को घुटनों पर लाना होगा.”
रक्षा मंत्री के साथ भी मनमुटाव की खबरें
एक ओर जहां बेन ग्वीर के अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में जाने को लेकर जहां इजराइल की आलोचना हो रही है तो वहीं दूसरी ओर उनके दिए गए बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. इससे पहले बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट के बीच भी दरार की खबरें आ रहीं थीं. इजराइली मीडिया के मुताबिक एक बैठक के दौरान योव गैलेंट ने नेतान्याहू के गाजा में हमास पर “संपूर्ण जीत” को बकवास बताया था.
हालांकि गैलेंट ने यह टिप्पणी संसदीय समिति की बैठक के दौरान बंद कमरे में की थी लेकिन इजराइली मीडिया में यह लीक हो गई. वहीं नेतन्याहू ने भी पलटवार कर रहा था कि गैलेंट को उनकी नहीं बल्कि हमास नेता याह्या सिनवार की आलोचना करनी चाहिए. इजराइली प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि इस तरह की बयानबाजी बंधकों की रिहाई के समझौते को नुकसानी पहुंचाती है.
इन तमाम बयानों के आधार पर माना जा रहा है कि ईरान से बढ़ते तनाव के बीच इजराइल की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अब देखना होगा कि गुरुवार को होने वाली बैठक से क्या नतीजा निकलता है.