उत्तर प्रदेश में है दुनिया की इकलौती जगह, जहां होता है पांच नदियों का मिलन

लोग भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर प्रकृति के नजारों के बीच वक्त बिताना चाहते हैं. नदियां और पहाड़ देखना किसे पसंद नहीं होता है. वहीं अगर कहीं पर नदियों का मिलन हो रहा हो तो उस जगह की खूबसूरती में खो जाने का मन करता है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते ही हैं और यहां पहुंचकर मन को कितनी शांति मिलती है ये शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसी जगह भी है, जहां एक नहीं दो नहीं बल्कि पांच नदियों का संगम होता है.
रुद्रप्रयाग में दो तो वहीं प्रयागराज में तीन नदियों का संगम होता है और इन जगहों की अपनी एक अलग महिमा मानी गई है, फिलहाल बता दें कि उत्तर प्रदेश में ही एक ऐसी जगह हैं जहां पर आपको पांच नदियों के संगम का नजारा देखने को मिलेगा.
उत्तर प्रदेश का जालौन
पांच नदियों के संगम की बात करें तो यह खूबसूरत जगह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में औरैया व इटावा की सीमा पर स्थित है. पांच नदियों का संगम होने की वजह से इस जगह को पंचनद के नाम से जाना जाता है. धार्मिक दृष्टि से इस स्थान को बेहद पवित्र माना गया है और इसे महा तीर्थराज भी कहा जाता है.
इन पांच नदियों का होता है संगम
पंचनद में यमुना, चंबल, सिंध, पहज, और कुंवारी नदियों का संगम होता है. इस जगह का ऐतिहासिक महत्व भी है. कहा जाता है कि यह वही जगह हैं जहां महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडव ठहरे थे. कार्तिक पूर्णिमा के दौरान यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. इस संगम के पास ही में मुचकुंद महाराज का मंदिर भी है.
दुनिया की एकमात्र जगह
पंचनद बहुत ही अनूठी जगह है, क्योंकि इसके बारे में कहा जाता है कि ये दुनिया की एक ऐसी इकलौती जगह है, जहां पर पांच नदियां एक साथ मिलती हैं. प्राकृतिक जगहों को करीब से एक्सप्लोर करना चाहते हैं या फिर आध्यात्मिक जगहों पर विजिट करना अच्छा लगता है तो पांच नदियों के संगम वाले पंचनद को अपनी बकेट लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.

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