उधर ईरान युद्ध में घिरा, इधर पाकिस्तान और सऊदी अरब में बड़ी डील

एक तरफ इजराइल के साथ ईरान की तनातनी और लेबनाव व गाजा में युद्ध की स्थिति है जिससे पूरा मिडिल ईस्ट तनाव में है. वहीं, आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान को एक बार फिर सऊदी अरब से बड़ी आर्थिक मदद मिलने वाली है. पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान इस हफ्ते के आखिर में सऊदी अरब से आने वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ दो अरब डॉलर से ज्यादा के समझौतों पर साइन करेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार विपक्ष को देश को आर्थिक प्रगति के रास्ते से भटकाने नहीं देगी. उनका ये तंज इमरान खान की पार्टी PTI के जारी हालिया प्रदर्शनों को लेकर किया गया है.
इस साल शुरू में सऊदी का एक प्रतिमंडल पाकिस्तान दौरे पर आया था, लेकिन इसमें पाकिस्तान को कोई खास निवेश नहीं मिल पाया था. अब एक बार फिर पाकिस्तान के विदेश विभाग ने जानकारी दी है कि सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद बिन अब्दुलअजीज अल-फलीह 9-11 अक्टूबर तक एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान का दौरा करेंगे.
आर्थिक सहयोग को मिलेगा बढ़ावा
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने बताया कि सऊदी प्रतिनिधिमंडल 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले इस्लामाबाद पहुंचेगा. साथ ही कहा कि सऊदी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
इमरान खान की पार्टी पर निशाना
शहबाज शरीफ ने अपनी कैबिनेट को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते PTI की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शनों का उद्देश्य देश के मौजूदा आर्थिक लाभ को नुकसान पहुंचाना था.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “और अब जब सऊदी अरब का प्रतिनिधिमंडल आ रहा है और हम उनके साथ 2 अरब डॉलर से ज्यादा की डील या MOU साइन करने वाले हैं, तो इन सभी कोशिशों को नाकामयाब करना पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ी दुश्मनी है.”
उन्होंने कहा कि हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और किसी भी हालत में इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.
5 बिलियन डॉलर निवेश का लक्ष्य
पाकिस्तान और सऊदी अरब हाल के महीनों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश डील करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान को 5 बिलियन डॉलर के निवेश पैकेज में तेजी लाने के लिए किंगडम की प्रतिबद्धता की पुष्टि की थी.
पाकिस्तान आर्थिक संकट के कारण विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा है. सऊदी के निवेश के साथ पाकिस्तान को इस संकट से बाहर आने में मदद मिलेगी.

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