एक्टर बनने के लिए जानबूझकर MBBS के एट्रेंस में हुए फेल, फिर जीत लिए 4 नेशनल अवॉर्ड
फिल्म इंडस्ट्री में कई स्टार्स ऐसे हैं, जिन्होंने एक्टिंग की दुनिया में आने के लिए खूब स्ट्रगल किया है. बी-टाउन के ऐसे कई सितारे हैं, जिन्होंने आज जो कुछ भी हासिल किया है, वो अपनी मेहनत के बलबूते पर किया है. इन्हीं में से एक स्टार ऐसा भी है जिसने एक्टर बनने के लिए MBBS का एग्जाम खराब दिया जिससे वो पढ़ाई छोड़ सके और फिल्मों में आ सके. इस एक्टर ने फिल्मों के साथ-साथ ओटीटी पर भी राज किया है. इस एक्टर ने कभी एक्टिंग की दुनिया में आने के लिए काफी स्ट्रगल किया और फिर ऐसा सिक्का जमाया कि 4 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर लिए.
उस एक्टर का नाम है मनोज बाजपयी. उन्होंने कई फिल्मों में कुछ बेहतरीन भूमिकाएं निभाई हैं. अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले मनोज बाजपेयी फिल्म एंडस्ट्री का जाना-माना नाम है. लोग उन्हें उनकी एक्टिंग से पहचानते हैं. मनोज बाजपेयी ने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘अलीगढ़’, ‘स्पेशल 26’, 1971 जैसी फिल्मों में काम किया है. इसके अलावा मनोज बाजपेयी ‘द फैमिली मैन’ और ‘किलर सूप’ जैसी कई बेहतरीन वेब सीरीज में नजर आ चुके हैं.
MBBS का एट्रेंस एग्जाम देने के लिए किया मजबूर
मनोज बाजपेयी फिल्मी दुनिया की चर्चित हस्तियों में से एक हैं. हालांकि एक्टिंग की दुनिया में उनका सफर काफी मुश्किल रहा है. उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उनके पेरेंट्स भी उनके एक्टिंग में जाने के फैसले के खिलाफ थे. मनोज बाजपेयी के पिता चाहते थे कि वो डॉक्टर बनें और इसलिए उन्होंने मनोज बाजपेयी को एमबीबीएस का एट्रेंस एग्जाम देने के लिए मजबूर किया था.
तो डॉक्टर होते मनोज बाजपेयी
मनोज बाजपयी ने ‘आप की अदालत’ में बताया कि उन्होंने जानबूझकर MBBS का एट्रेंस एग्जाम खराब दिया, जिससे वो फेल हो जाएं. मनोज बाजपेयी ने कहा, “अगर मैंने सही एग्जाम किया होता तो मैं एक डॉक्टर होता. मैं नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने के लिए दिल्ली आना चाहता था लेकिन मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं UPSC की परीक्षा दूं. मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री में ऑनर्स किया क्योंकि NSD में एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री की जरूरत थी.”
डिप्रेशन में चले गए थे मनोज बाजपेयी
एक्टर ने आगे कहा, “हालांकि मुझे NSD में तीन बार रिजेक्ट कर दिया गया, जिससे में डिप्रेशन में चला गया. बाद में, मैं एक्टिंग कोच बैरी जॉन की वर्कशॉप में शामिल हुआ और मुंबई आने से पहले हुनर सीखा. मैंने चॉल में रहना शुरू किया और कई छोटे-मोटे रोल भी किए.”
मिले 4 नेशनल अवॉर्ड
मनोज बाजपेयी को 1998 की फिल्म ‘सत्या’ में भीकू म्हात्रे के किरदार के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड मिला. इसके बाद उन्होंने 2004 में फिल्म ‘पिंजर’ के लिए अपना दूसरा नेशनल अवॉर्ड जीता. फिर एक्टर ने 2020 में ‘भोंसले’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड जीता. अब 2024 में उन्हें ‘गुलमोहर’ के लिए फिर से नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया.