‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ क्या है? क्या इजराइल पर चौतरफा हमले की तैयारी कर रहा ईरान?

मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ता ही जा रहा है, एक ओर गाजा पर इजराइली हमले जारी हैं तो दूसरी ओर इजराइल पर ईरान के हमले का खतरा बना हुआ है. अपने दोस्त को बचाने के लिए अमेरिका ने वॉरशिप और लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है, लेकिन ईरान की ओर से होने वाले हमले को लेकर अब तक कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है.
इस बीच यमन के हूती विद्रोही गुट के लीडर अब्दुल मलिक अल-हूती का बड़ा बयान सामने आया है, उन्होंने कहा है कि इजराइल के खिलाफ ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ के साथ समन्वय करेंगे. हूती गुट के लीडर ने बताया है कि इजराइल को जवाब देने के लिए कोई भी फैसला ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ ग्रुप मिलकर तय करेगा.
चौतरफा हमले की तैयारी में ईरान?
ऐसे में सवाल उठना लाजिम है कि आखिर ये एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस ग्रुप है क्या? और अगर इस समूह में शामिल सभी गुट मिलकर इजराइल पर हमला करते हैं तो ये कितना नुकसान पहुंचाएंगे? दरअसल 80 के दशक में ईरान ने मिडिल ईस्ट में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए कुछ प्रॉक्सी संगठनों को तैयार किया. इसमें ईरानी की रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की अहम भूमिका है. अगर ये मिलकर इजराइल पर हमला करते हैं तो उसके लिए संभलना मुश्किल हो सकता है.
कितना ताकतवर है ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’?
एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस ग्रुप में फिलिस्तीन में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन में हूती विद्रोही समेत इराक और सीरिया के विद्रोही संगठन आते हैं जो ईरान समर्थक हैं.
गाजा में हमास
इजराइल और हमास के बीच संघर्ष दशकों पुराना है, यह फिलिस्तीन की आजादी के लिए इजराइल के खिलाफ पहले से ही जंग लड़ता रहा है. हालांकि इसका प्रभाव पूरे फिलिस्तीन में न होकर सिर्फ गाज़ा पट्टी पर है, बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के लड़कों ने इजराइल पर हमला कर दिया था जिसमें इजराइल की ओर से करीब 1200 लोगों के मारे जाने और 251 इजराइलियों के बंधक बनाए जाने का दावा किया गया था. इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास के खात्मे तक गाजा पर हमले जारी रहने की बात कही है, हालांकि इससे पहले भी इजराइल हमास के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करता रहा है लेकिन पूरी तरह खत्म कभी नहीं कर पाया.
हिजबुल्लाह
यह लेबनान में मौजूद शिया चरमपंथी संगठन है, यह इस समूह का सबसे क्रूर प्रॉक्सी संगठन माना जाता है. हिजबुल्लाह के पास करीब 1 लाख लड़ाके होने का दावा किया जाता है, वहीं ईरान की ओर से इसे फंडिंग और ट्रेनिंग मिलने का दावा भी किया जाता रहा है. इजराइल ने जबसे गाजा पर हमले करने शुरू किए हैं तब से ही हिजबुल्लाह लगातार उस पर अटैक कर रहा है, हालांकि इजराइल ने हाल ही में इसके कमांडर फुवाद शुक्रर को मार गिराया था लेकिन हिजबुल्लाह के आक्रामक रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
हूती विद्रोही संगठन
यमन का हूती विद्रोही गुट लाल सागर में आतंक मचाए हुए है. इसकी स्थापना 90 के दशक में हुई थी, लेकिन 2014 में यह यमन में मजबूती से उभरा. यमन के एक बड़े हिस्से में हूती विद्रोही गुट का कब्जा है. इस संगठन के पास करीब 30 से 40 हज़ार लड़ाके हैं. गाजा पर जारी इजराइली हमलों के खिलाफ हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में इजराइली जहाजों को टारगेट किया जिससे वैश्विक बाजार पर काफी असर पड़ा. अमेरिका का आरोप है कि ईरान इस समूह को हथियार मुहैया करवाता है, जिससे ईरान और हूती दोनों ही इनकार करते रहे हैं.
इराक और सीरिया में विद्रोही संगठन
ईरान ने इन दोनों ही देशों में कई शिया मिलिशिया गुटों को खड़ा करने में मदद की है. इराक पर अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने इराक में प्रभाव बढ़ाना शुरू किया और बदर ऑर्गेनाइजेशन, कताएब हिजबुल्लाह समेत कई चरमपंथी गुटों को खड़ा किया. वहीं सीरिया में भी ईरान समर्थित कई समूह हैं जो अमेरिका और इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं.
अगर भौगोलिक तौर पर देखें तो इजराइल इन देशों से घिरा हुआ है, ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस ग्रुप के साथ मिलकर ईरान इजराइल पर चौतरफा हमला करे, जिससे इजराइल को संभलने का वक्त न मिले. क्योंकि जब अप्रैल में ईरान ने इजराइल पर हमला किया था तो उसने करीब 90 फीसदी मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया था. ऐसे में माना जा सकता है कि ईरान इस बार अपने प्रॉक्सी संगठनों के साथ मिलकर एक साथ इजराइल पर अटैक करेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके.

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