एक परीक्षा के तीन रिजल्ट, NEET-UG मामले में ऐसी नौबत क्यों आई?

देश में किसी भी परीक्षा के लिए रिजल्ट एक बार जारी होते हैं, लेकिन 2024 की नीट-यूजी परीक्षा के लिए तीन बार परिणाम जारी करने पड़े हैं. पहली बार 4 जून को रिजल्ट जारी हुए थे, इसी दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ रहे थे. देश के चुनावी मोड में होने की वजह तब इसके रिजल्ट की उतनी चर्चा नहीं हुई जितनी आमतौर पर होती है. अगले दिन यानी 5 जून को नीट को लेकर चर्चा शुरू, रिजल्ट को लेकर सवाल खड़े हुए.
रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स और टॉपर्स को लेकर विवाद शुरू हुआ. 67 छात्रों ने 720 अंकों के साथ पहला रैंक हासिल किए. विवाद बढ़ा तो कुछ छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. इसके बाद नीट परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों के लिए री-टेस्ट का ऐलान किया और दोबारा परीक्षा हुई. 30 जून को 1563 छात्रों का दूसरी बार रिजल्ट जारी किया गया.
अब आज यानी 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को नीट परीक्षा का रिजल्ट फिर से जारी करने का आदेश दिया है. एनटीएन अगले दो दिन में नया मेरिट लिस्ट जारी करने की बात कही है. इस तरह से देखें तो नीट-यूजी 2024 पहली परीक्षा होगी जिसका एक बार नहीं बल्कि तीन बार रिजल्ट जारी करना पड़ा. जहां तक बात तीन बार रिजल्ट जारी करने की नौबत क्यों आई की है तो इसके पीछे कई वजह हैं. उन वजहों को हमें सिलसिलेवार तरीके से जानना जरूरी है.
कब क्या-क्या हुआ?

5 मई को परीक्षा: देशभर में नीट-यूजी की परीक्षा हुई थी. परीक्षा खत्म होने के बाद कुछ घंटे बाद बिहार की राजधानी पटना में पेपर लीक का मामला उठा. आनन-फानन में पटना से ही पहली गिरफ्तारी भी हुई. इसके बाद 11 मई को बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की.
1 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका: पेपर लीक को लेकर कुछ छात्रों ने 1 जून को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. छात्रों ने अपनी याचिका में पेपर लीक और धांधली का आरोप लगाया. इसके बाद 3 जून को फाइनल आंसर-की जारी हुई.
4 जून को रिजल्ट: पेपर लीक को लेकर आवाज उठ ही रही थी कि एनटीए ने रिजल्ट जारी कर दिया. रिजल्ट 10 जून को जारी होना था, लेकिन एनटीए ने छह दिन पहले ही जारी कर दिया. परीक्षा के परिणाम सामने आए थे तो पता चला 61 छात्रों ने टॉप किया है सभी के 720 अंक आए हैं.
5 जून को ग्रेस मार्क्स पर विवाद: एक या दो नहीं बल्कि 61 छात्रों के टॉप करने के बाद एनटीए की सफाई सामने आई. एनटीए ने इसके लिए ग्रेस मार्क्स का हवाला दिया. कई छात्रों ने ग्रेस मार्क्स देने की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. इसके बाद एनटीए ने 1563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा कराने का फैसला किया. ये वो छात्र थे जिन्हें परीक्षा में ग्रेस मार्क्स का लाभ मिला था.
14 जून को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस: सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एनटीए और सरकार को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा. दूसरी तरफ छात्र विरोध प्रदर्शन पर उतर आए. अलग-अलग राज्यों में नीट परीक्षा को रद्द करने की मांग होनी लगी. विपक्षी भी सरकार पर हमलावर हो गए थे.
20 जून को सीबीआई जांच के आदेश: छात्रों के विरोध और आरोपों को देखते हुए सरकार ने 20 जून को पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. जांच का जिम्मा मिलने के बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया और उसकी टीम पटना पहुंच गई. पटना से लेकर झारखंड का हजारीबाग सीबीआई के रडार पर आया. कई लोगों को गिरफ्तारी की और कई जानकारी सामने आई.
30 जून को दोबारा आया रिजल्ट: एनटीए ने ग्रेस मार्क्स हासिल करने वाले 1563 का रिजल्ट जारी किया. इससे पहले 30 जून को ही दोपहर 1:30 बजे फाइनल आंसर-की जारी हुई थी. रिजल्ट के बाद टॉपरों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई. 720/720 का कुल स्कोर हासिल करने वाले छह में से पांच कैंडिडेट्स ने दोबारा परीक्षा दी थी.
8 जुलाई को शुरू हुई सुनवाई: 5 जुलाई को एनटीए और सरकार की ओर से जवाब दाखिल किए जाने के बाद 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की. एनटीए ने परीक्षा में धांधली से इनकार किया. एनटीए ने दोबारा परीक्षा कराने से भी इनकार किया. दूसरी ओर सरकार ने कहा कि जब तक ये सबूत नहीं मिल जाते हैं कि पेपर लीक हुआ है वो परीक्षा को रद्द नहीं करना चाहती है.
23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला: नीट पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा को दोबारा कराने की जरूरत नहीं है. पटना और हजारीबाग में पेपर लीक के संकेत मिले हैं जिसकी जांच सीबीआई कर रही है.
फिर से रिजल्ट जारी करने का आदेश: इसके साथ-साथ कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा का फिर से रिजल्ट जारी करने का आदेश भी दे दिया. इस तरह से देखें तो एक ही परीक्षा का अब तीसरी बार रिजल्ट जारी किया जाएगा.

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