एक हादसे ने आधे शरीर को कर दिया था नाकाम, अब पैरालंपिक में रिकॉर्ड तोड़कर जीता गोल्ड
भारतीय पैरा एथलीट इस बार पेरिस में हर दिन एक नया इतिहास रच रहे हैं. सुमित अंतिल समेत कई खिलाड़ी पहले ही रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन के साथ मेडल जीत चुके हैं. 4 सितंबर को भारत के लिए ये कारनामा धरमबीर ने किया. उन्होंने क्लब थ्रो F51 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता. इतना नहीं ही उन्होंने 34.92 मीटर के थ्रो के साथ एशियन रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. हरियाणा के सोनीपत से ताल्लुक रखने वाले धर्मबीर की शुरुआत थोड़ा खराब रही. उनके पहले चार थ्रो फाउल रहे थे, लेकिन 5वें थ्रो में उन्होंने पूरी जान लगा दी. धर्मबीर के इस जानदार थ्रो भारत को 5वां गोल्ड दिलाया.
तैरते समय हुए पैरालिसिस का शिकार
35 साल के धर्मबीर का खेल से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं था. वह एक सामान्य जिंदगी जी रहे थे. तभी उनके जीवन में एक दर्दनाक घटना घटी और उनका जीवन बदल गया. धर्मबीर एक बार पानी में तैरने का प्रयास कर रहे थे. वह पानी में कूदे लेकिन गहराई का गलत अनुमान लगा लिया. इसकी वजह से वो पानी में पड़े एक बड़ी चट्टान से टकरा गए. ये घटना इतनी घातक की थी कि धर्मबीर पैरालिसिस का शिकार हो गए उनके कमर के नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया.
25 की उम्र में खेल में आए
धर्मबीर इस घटना के बाद काफी कठिन समय गुजार रहे थे, तभी उनके दुखी जीवन ने करवट बदली और खेल से परिचय हुआ. 2014 में 25 साल की उम्र में उन्हें पैरा खेलों के बारे में पता चला. इसके बाद पेरिस के गोल्ड मेडलिस्ट ने क्लब थ्रो की ओर रुख किया. उन्होंने अपने साथी एथलीट और मेंटॉर अमित कुमार सरोहा का साथ मिला.
अमित भी धर्मबीर जैसी परिस्थिति का शिकार हो चुके थे. फिर धर्मबीर ने ट्रेनिंग शुरू की और महज 2 साल के अंदर जबरदस्त प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने ए क्वालिफिकेशन मार्क के साथ 2016 के रियो पैरालंपिक में भी अपनी जगह बनाई थी. रियो में उन्होंने 9वें नंबर पर रहे थे. इसके बाद धर्मबीर ने टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई किया, जहां वो 8वें नंबर पर रहे थे.
एशियन गेम्स में सिल्वर
पैरालंपिक जैसे बड़े स्टेज पर दो बार मेडल से चूकने के बाद धर्मबीर पिछले 2 साल से लगातार फॉर्म में हैं. 2022 में चीन में आयोजित एशियन पैरा खेलों में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल हासिल किया था. अब पेरिस में गोल्ड मेडल हासिल किया है. बता दें हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें भीम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. ये हरियाणा सरकार की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.