एनटीए ने IIT मद्रास की अधूरी रिपोर्ट दाखिल की… नीट मामले में याचिकाकर्ताओं का सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा

नीट-यूजी पेपर लीक मामले मेंकेंद्र और एनटीए के जवाब पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. इसमें कहा है कि एनटीए ने नीट-यूजी की परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया है.इसके लिए आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट को आधार बनाया है,जो एनटीए के शासी निकाय (Governing Body) के सदस्यों में से एक है.
हलफनामे के मुताबिक, यह रिपोर्ट अपने अपूर्ण डाटा संग्रह और सतही विश्लेषण के कारण मौलिक रूप से सही नहीं है, जिससे एनटीए की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है. एनटीए ने अधूरे डेटा और विश्लेषण को सही बताने के लिए आईआईटी मद्रास की अधूरी रिपोर्ट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है. ऐसी अधूरी रिपोर्ट के आधार पर सरकार और एनटीए ने सफाई दी है.
रिपोर्ट में कोई असामान्यता नहीं दिखती
हलफनामे में दावा किया गया है कि शीर्ष 100 छात्रों में से 61 छात्रों को 720/720 अंक मिले लेकिन रिपोर्ट में कोई असामान्यता नहीं है. जबकि 2022 में केवल 350 छात्रों ने 700 से अधिक अंक प्राप्त किए. यह 2024 में 700 अंक पाने वालों की संख्या बढ़कर 2.321 हो गया है.जबकि 600 से 720 अंकों के बीच रैंकों में 300 से अधिक पाने वालों में 800 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में कोई असामान्यता नहीं दिखती है.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा
हलफनामे में कहा गया है कि रिपोर्ट की अंक तालिका एक में स्पष्ट रूप से पता चलता है कि 2023 से 2024 तक टॉप 100 में रैंक में 400 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो कि पिछले पांच वर्षों में नहीं हुआ था. याचिकाकर्ताओं के लिए नोडल ऑफिसर सुमति कुमार शर्मा की ओर से एनटीए और आईआईटी मद्रास के जवाब पर जह जवाब दाखिल किया गया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा.

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