एपल ने भारत में तोड़ा 50 साल का रिकॉर्ड, कारोबार पहुंचा 2 लाख करोड़

जब एपल चीन का दामन छोड़ भारत में आया था तो किसी को भी इस बात का यकीन नहीं था कि महज कुछ सालों में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ऑपरेशंस और एक्सपोर्ट के मामलेेमें 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ देगी. अब ऐसा हो गया है. वित्त 2024 में भारत में एपल की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है और कंपनी का कारोबार 2 लाख करोड़ रुपए पार कर गया है. जोकि 50 साल का रिकॉर्ड है. खास बात तो ये है कि बीते एक बरस में एपल के कारोबार में करीब डबल का इजाफा देखने को मिला है.
चीन में करीब दो साल पहले कोविड की परिस्थितियों के चलते एपल ने अपनी पॉलिसी में बदलाव करते हुए भारत में कदम रखा था. उसके बाद यहां पर कंपनी ने अपने प्रोडक्शन का विस्तार किया. अब भारत एपल के लिए सिर्फ बड़ा मार्केट ही नहीं बना है. बल्कि सप्लाई के मोर्चे पर एक बड़ा डेस्टिनेशन भी बन चुका है. भारत से दुनिया के कई देशों को आईफोन और दूसरे एपल प्रोडक्ट एक्सपोर्ट हो रहे हैं.
यही वजह है एपल और फॉक्सकॉन भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में लगातार विस्तार कर रही हैं और मोटर निवेश कर रही हैं. इसमें भारत सरकार की पीएलआई स्कीम भी काफी काम आई है. आइए जरां आंकड़ों की भाषा में समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर भारत में एपल का कारोबार कितना हो चुका है और किस तरह से कंपनी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
50 साल का तोड़ा रिकॉर्ड
भारत में एपल के ऑपरेशंस में वित्त वर्ष 24 में 2 लाख करोड़ रुपए का इजाफा देखने को मिला है. जो वित्त वर्ष 2023 1.15 लाख करोड़ रुपए का देखने को मिला था. द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार यह ग्रोथ आईफोन प्रोडक्शन में इजाफा और मैकबुक, आईमैक, आईपैड, वॉच और एयरपॉड्स की डॉमेस्टिक सेल की वजह से देखने को मिली है. खास बात तो ये है कि बीते 50 साल में भारत की सभी कंपनियों के बीच प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में सबसे तेज ग्रोथ है.
ऐसे हुई ग्रोथ
हालिया इकोनॉमिक सर्वे में इस बात का जिक्र किया गया था कि एपल के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 14 प्रतिशत है, जो कंपनी के ग्लोबल एक्सपोर्ट के लिए एक अहम सेंटर के रूप में स्थापित हो गया है. जबकि साल 2023 में कंपनी की हिस्सदारी सिर्फ 7 फीसदी थी. आधिकारिक आंकड़ों पर बेस्ड कैलकुलेशन से पता चलता है कि एक्सपोर्ट के आंकड़ों में आईफोन का दबदबा है, पिछले वित्त वर्ष में लगभग 1.35 लाख करोड़ रुपए के डिवाइस विदेशों में भेजे गए थे. कैलकुलेशन के अनुसार, घरेलू लेवल पर एपल ने अपने प्रोडक्ट्स को बेचकर वित्त वर्ष 2024 में लगभग 68,000 करोड़ रुपए कमाए। इसके विपरीत, वित्त वर्ष 2023 में निर्यात किए गए आईफोन की वैल्यू 66,000 करोड़ रुपए था.
कुल रेवेन्यू में भारत की हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम
अगर बात भारत में एपल की बाजार हिस्सेदारी मौजूदा समय में 6 फीसदी से भी कम है. वित्त वर्ष 2018 में यह केवल 2 फीसदी से ऊपर की ओर बढ़ रही है. वहीं बाजार में मुख्य रूप से वीवो और श्याओमी जैसे चीनी ब्रांडों के एंड्रॉइड डिवाइस का वर्चस्व है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023 में एपल ग्लोबल रेवेन्यू 383 बिलियन डॉलर था. जिसमें भारत की हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम थी. एपल का वित्त वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है. वित्त वर्ष 2024 के नतीजे अक्टूबर में घोषित किए जाएंगे.
केंद्र सरकार ने साल 2020 से, स्मार्टफोन प्रोडक्शन लिंक्ड-इंसेंटिव यानी पीएलआई स्कीम की शुरुआत की थी. उसके बाद से कंपनी का ग्रोथ भारत में देखने को मिला. एपल ने 2021 में भारत में आईफोन का निर्माण शुरू किया, जो चीन के बाहर उसका पहला उत्पादन था. भारत में आईफोन का प्रोडक्शन फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन की ओर से किया जा रहा है. जिसकी वैल्यू वित्त वर्ष 2024 में 1.20 लाख करोड़ रुपए है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *