ऐसा कभी देखा नहीं होगा…पाकिस्तान में सेना के खिलाफ धरने पर बैठी पुलिस

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बढ़ रही आतंकवादी घटनाओं और पुलिस अधिकारियों की टारगेट किलिंग के खिलाफ लक्की मरवत जिले के पुलिसकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया. हैरानी की बात ये है कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नारे लगाए और लक्की मरवत जिले में फैली असुरक्षा का जिम्मेदार पाक सेना को ठहराया. ऐसा पहली बार है जब पुलिस ने पाक सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया है और क्षेत्र में फैली अशांति का इल्जाम लगाया.
दरअसल पिछले महीने से लक्की मरवत जिले में आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है, पिछले हफ्ते आतंकवादियों की गोलीबारी में पांच पुलिस अधिकारी मारे गए थे. जिसके बाद पुलिसकर्मियों में गुस्सा देखने मिल रहा है और वे सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

Officials of secret agencies and army should leave the district, terrorism will be eliminated in 3 months, police personnel protest against attacks in Lakki Marwat.
Police officials closed Taja Bannu Mianwali Road for traffic.#چلو_چلو_اسلام_آباد_چلو
pic.twitter.com/6Bc0prVOtX
— Awais Aziz (@awaisaziz21) September 9, 2024

सेना हटने के तीन महीने में ही करेंगे आतंकवाद का खात्मा-पुलिस
प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने सेना के खिलाफ नारे लगाए और सरकार से उनको हटाने की मांग की. पुलिसकर्मियों का कहना है कि जिले में बढ़ रही आतंकवादी घटनाओं के लिए सेना जिम्मेदार है. उन्होंने कहा अगर सेना को यहां से हटा लिया जाता है और आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन की पूरी जिम्मेदारी उन्हें दे दी जाती है, तो वे तीन महीनों में आतंकवादियों का खात्मा कर देंगे.
पुलिसकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पेशावर-कराची सिंधु राजमार्ग भी ब्लॉक किया और अधिकारियों के खिलाफ जोरदार नारे लगाए. इसके अलावा पुलिस वालों ने अपनी ड्यूटी पर लौटने से मना कर दिया है और अधिकारियों से वार्ता के लिए 6 मेंबरों की कमेटी बनाई है.
खैबर पख्तूनख्वा के बिगड़े हालात
पिछले कुछ महीनों से खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस के खिलाफ हमले बढ़ गए हैं. पिछले महीने ही कुछ आतंकवादियों ने घात लगाकर फायरिंग कर 5 पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी है. जिसके बाद अफगानिस्तान से घुसे मिलिटेंट की तरफ से हुई फायरिंग में तीन पुलिसकर्मी मारे गए थे.
पाकिस्तान ने लगातार तालिबान सरकार से सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों के लिए अफगान धरती के इस्तेमाल को रोकने के लिए कह रहा है.

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