ऐसे तो रूस का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा, चौतरफा प्रतिबंधों के बाद अब इस NATO देश ने लिया ‘नजरबंदी’ वाला एक्शन
यूक्रेन में जैसे जैसे रूसी सेना आगे बढ़ रही है, वैसे ही रूस के ऊपर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध भी बढ़ते जा रहे हैं. अब रूस के व्यापार के बाद उसके राजनयिकों के मूवमेंट पर भी रोक लगनी शुरू हो गई है. पोलैंड ने रूस के राजनयिकों पर देश में कहीं आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिस प्रांत में राजनयिक तैनात हैं बस उसी में ट्रैवल कर पाएंगे. पोलैंड की राजधानी वारसॉ के अलावा, क्राको, डांस्क और पॉज़्नान शहर में रूस के काउंसलेट हैं.
सोमवार को ब्रुसेल्स में हुई यूरोपीय संघ की बैठक के बाद पोलिश विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने कहा, “मैंने यूरोपीय संघ और पोलैंड के खिलाफ रूस के हाइब्रिड युद्ध के बाद ये निर्णय लिया है, रूस के राजनयिकों को देश में प्रांत के अलावा कहीं जाने की इजाजत नहीं होगी.” इस फैसले पर रूस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
रूस पर लगाए गंभीर आरोप
राडोस्लाव ने रूस पर आरोप लगाए हैं कि रूस उनके देश के अंदर भी सरकार विरोधी गतिविधियां चला रहा है. राडोस्लाव ने कहा, “देश में तोड़फोड़ करने के हमें रूस के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं, हमें उम्मीद है कि रूस हमारे इस कदम को एक गंभीर चेतावनी के तौर पर लेगा.”
पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने पिछले सोमवार को TVN24 को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि देश को बांटने की साजिश रचने के संदेह में नौ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, इन नागरिकों के पास यूक्रेन, बेलारूस और पोलैंड की नागरिकता है और इनके तार रूस से जुड़े पाए गए हैं.
रूस के लिए मुश्किल पैदा कर रही नई सरकार
दिसंबर में सत्ता में आने के बाद से ही युद्ध में पौलेंड की सरकार का रुख यूक्रेन की तरफ रहा है. पोलिश सरकार पहले ही रूसी दूतावास के बैंक खातों और संपत्तियों को जब्त कर चुकी है. सरकार के इस कदम को रूस ने वियना कन्वेंशन का घोर उल्लंघन करार दिया था.