ऐसे बदल रहा भारतीयों के सेविंग का तरीका, जानें लोग कहां कर रहे ज्यादा निवेश

भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है. देश की आधी से ज्यादा आबादी इस समय यूथ है. इसमें भी बड़ा हिस्सा 35 साल से कम उम्र के लोगों का है. इसलिए इस पूरी पीढ़ी का जहां सेविंग करने का तरीका बदल रहा है. वहीं अब ये जेनरेशन पारंपरिक निवेश के मुकाबले नए तरह के ऑप्शंस पर ध्यान दे रही है. इतना ही नहीं इस पीढ़ी पर लोन का भी बोझ बढ़ रहा है, लेकिन वह इस लोन का इस्तेमाल भी एसेट क्रिएशन में कर रही है. आखिर क्या है देश में सेविंग का बदलता ये ट्रेंड, चलिए समझते हैं…
पारंपरिक के बजाय नए ऑप्शन
नई पीढ़ी के बीच स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड में निवेश का रुख देखा जा रहा है. अब लोग बैंक एफडी, सेविंग अकाउंट, स्मॉल सेविंग स्कीम्स जैसे पारंपरिक सेविंग ऑप्शन से इतर रिस्क लेकर भी निवेश कर रहे हैं. वहीं फिजिकल गोल्ड से लेकर डिजिटल गोल्ड और सिल्वर में इंवेस्टमेंट को लेकर भी लोगों का रूझान बढ़ा है.
लोगों के लोन व्यवहार पर नजर रखने वाली इकाई क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट डी. के. जोशी के हवाले से ईटी ने एक खबर में कहा है कि कोविड के दौर में लोगों के पास कंज्यूम करने के लिए बहुत कुछ नहीं था, ऐसे में उन्होंने अपनी इनकम का ज्यादा हिस्सा सेविंग में लगाया. इसके बाद भले कंजप्शन बढ़ा है, लेकिन सेविंग करने के तरीकों में बदलाव आ गया है.
देश की टोटल सेविंग में अभी 60 प्रतिशत हिस्सेदारी आम लोगों की सेविंग की है. इसमें एक सेविंग उनकी फिजिकल एसेट जैसे कि रियल एस्टेट, गोल्ड और सिल्वर में हो रही है. दूसरी ओर फाइनेंशियल एसेट में लोगों के निवेश का तरीका बदला है, इसमें स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड में इंवेस्टमेंट अहम है.
लोगों की ओवरऑल सेविंग घटी है?
देश के आम लोगों की सेविंग (हाउस होल्ड सेविंग) बीते सालों मे ओवरऑल घटी है. लेकिन डीके जोशी इसे अलग तरह से देखते हैं. उनका कहना है कि लोगों की फाइनेंशियल सेविंग बीते सालों में घटी है. लेकिन उनकी फिजिकल सेविंग बढ़ी है. इसका मतलब है कि लोगों ने घर खरीदने और अन्य फिजिकल एसेट को खरीदने पर अपना निवेश बढ़ाया है. ऐसे में लोगों की सेविंग फाइनेंशियल एसेट के बजाय अब फिजिकल एसेट पर शिफ्ट हो रही है.
बढ़ रहा है लोन का बोझ ?
इस समय में लोगों के बीच लोन लेने के रूझान में बढ़ोतरी देखने को मिली है. क्या ये चिंता का विषय है? इस बारे में डीके जोशी का कहना है कि इसके लिए हमें लोन के तरीकों को देखना होगा. देखना होगा कि लोगों का लोन किस चीज के लिए बढ़ा है.
हाउसहोल्ड्स का लोन सबसे ज्यादा फिजिकल एसेट्स क्रिएशन के लिए बढ़ा है. वह लोन लेकर रियल एस्टेट को एक्वायर कर रहे हैं. इस बात को ऐसे भी समझ सकते हैं कि लोन की वजह से इकोनॉमी में कंजप्शन नहीं बढ़ा है, बल्कि लोगों का एसेट क्रिएशन बढ़ा है.
इस ट्रेंड में एक चीज गौर करने वाली है. अब युवा काफी कम उम्र में लोन ले रहे हैं और कार एवं मकान जैसी चीजों पर निवेश कर रहे हैं. बैंक भी रिटेल लोन देने को लेकर ज्यादा सक्रिय रहते हैं. इसलिए भी लोगों के लिए लोन लेना आसान हुआ है. वहीं टेक्नोलॉजी के मुफीद बनने और फिनटेक कंपनियों के आने से लोगों के लिए लोन लेना आसान हुआ है.

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