ओडिशा के लोगों से किया वादा PM मोदी ने पूरा किया- रत्न भंडार खोले जाने पर शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए प्रभु जगन्नाथ कारत्न भंडार खोले जाने पर आभार जताया. उन्होंने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ ओड़िआ अस्मिता और स्वाभिमान, सनातन संस्कृति और हिन्दू आस्था के सबसे बड़े प्रतीक हैं. भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ओडिशा के लोगों से किया गया वादा पूरा किया है.
उन्होंने आगे कहा कि महाप्रभु के रत्न भंडार की सुरक्षा और रत्न भंडार में रखे आभूषणों की पारदर्शी जानकारी दशकों से जनता की लंबित मांग थी. 4.5 करोड़ ओड़िआ लोगों की अस्मिता और हिंदू आस्था का सम्मान करते हुए पूरी पारदर्शिता से रत्न भंडार खुलवाने के लिए श्रीमंदिर प्रशासन और ओड़िशा की डबल इंजन सरकार का हृदय से अभिनंदन करता हूँ.

महाप्रभु जगन्नाथ ओड़िआ अस्मिता और स्वाभिमान, सनातन संस्कृति और हिन्दू आस्था के सबसे बड़े प्रतीक हैं। 46 वर्षों के बाद महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार खुलवाकर, मुख्यमंत्री @MohanMOdisha जी की नवनिर्वचित सरकार ने ओड़िशा के लोगों को प्रधानमंत्री @narendramodi जी के द्वारा किया हुआ एक
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) July 14, 2024

विधानसभा चुनाव में रत्न भंडार बन गया था बड़ा राजनीतिक मुद्दा
ओडिशा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में रत्न भंडार को पुन: खोलना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा था. भाजपा ने तत्कालीन सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) पर इसकी खोई हुई चाबियों को लेकर निशाना साधा था और लोगों से वादा किया था कि अगर वह चुनाव जीतती है तो रत्न भंडार को फिर से खोलने का प्रयास करेगी.
कीमती सामान के लिए लकड़ी के छह संदूक मंदिर में लाए गए
रत्न भंडार में रखे गए कीमती सामान को ले जाने के लिए लकड़ी के छह संदूक मंदिर में लाए गए हैं. इन संदूकों के अंदरूनी हिस्से में पीतल लगा हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि सागवान की लकड़ी से बनी ये संदूकें 4.5 फुट लंबी, 2.5 फुट ऊंची और 2.5 फुट चौड़ी हैं. इन संदूकों को बनाने वाले एक कारीगर ने बताया, ”मंदिर प्रशासन ने 12 जुलाई को हमें ऐसी 15 संदूकें बनाने के लिए कहा था। 48 घंटे की मेहनत के बाद हमने छह संदूक बनाई थीं.”

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