ओडिशा में कौन होगा भाजपा का पहला मुख्यमंत्री? इस दिन हो जाएगा फाइनल

भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी ने 147 सीटों वाली विधानसभा में 78 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि बीजद केवल 51 सीटों से संतोष करना पड़ा, जो बहुमत के 74 के आंकड़े से काफी कम है, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 14 सीटें जीती हैं. बता दें कि ओडिशा में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि बीजेपी चुनाव जीतेगी और 10 जून को राज्य में सरकार बनाएगी.
इस बीच, राज्य में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि बीजेपी अगला सीएम किसे बना रही हैं. अटकलों में बीजेपी के कई नेताओं को लेकर चर्चे हो रहे हैं. बता दें ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ओडिशा का विशेष रूप से जिक्र किया था और ओडिशा में बीजेपी की जीत के लिए सराहना की थी.
राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कही ये बात
ओडिशा के अगले मुख्यमंत्री कौन होंगे, इस पर अटकलों के बीच, राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने बुधवार को कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड एक या दो दिन में इस पर फैसला ले लेगा. उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरहामपुर में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि भाजपा का नया मुख्यमंत्री 10 जून को शपथ लेगा.
सामल ने कहा कि मुख्यमंत्री का चयन प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर किया जाएगा. ऐसे नेता का चयन किया जाएगा, जो एक ओडिया की संस्कृति और परंपरा को बनाए रखेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा द्वारा की गई सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव ओडिया गौरव, संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए लड़ा गया था.
उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा के आश्वासनों पर भरोसा किया और नई सरकार निश्चित रूप से उनके लिए काम करेगी. लोगों ने गैर-ओडिया सीएम के विचार को खारिज कर दिया है और भाजपा को वोट दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा को अपनी जीत का भरोसा है. उन्होंने कहा कि यह लोग थे जिन्होंने चुनाव लड़ा क्योंकि वे भ्रष्ट बीजद सरकार से तंग आ चुके थे.
नवीन पटनायक ने सीएम पद से दिया इस्तीफा
दूसरी ओर, राज्य विधानसभा और संसदीय चुनावों में करारी हार के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक का 24 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया, क्योंकि उन्होंने बुधवार को भुवनेश्वर में राजभवन में राज्यपाल रघुबर दास को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही 1997 से ओडिशा पर शासन कर रही बीजू जनता दल भाजपा से हार गई, जिससे मुख्यमंत्री के रूप में नवीन पटनायक का लंबे समय से चला आ रहा शासन का समापन हो गया.
चुनाव में बीजेपी को मिली जीत
2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने असाधारण प्रदर्शन किया. राज्य की 21 संसदीय सीटों में से 20 पर जीत हासिल की, जबकि शेष सीट कांग्रेस के खाते में गई. नवीन पटनायक ने अपने पिता, ओडिशा के पूर्व सीएम बीजू पटनायक के नाम पर बनी पार्टी बीजद के माध्यम से राज्य की राजनीति में अप्रत्याशित प्रवेश किया था. उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 1998 के लोकसभा उपचुनाव में जीत के साथ हुई थी, जिसमें उन्होंने अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र अस्का का प्रतिनिधित्व किया था.
2000 के विधानसभा चुनावों में बीजद की सफलता के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करके और बहुमत हासिल करने के बाद पटनायक ने सीएम बनने के लिए अपने केंद्रीय मंत्रिमंडल के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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