ओम बिरला की बेटी के मानहानि केस में HC का बड़ा फैसला, 24 घंटे में गूगल और X हटाएंगे पोस्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को लोकसभा स्पीकर की बेटी अंजलि बिड़ला की याचिका पर 24 घंटे के भीतर सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर उन पोस्ट को हटाने का आदेश दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अंजलि बिड़ला ने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले प्रयास में ही UPSC परीक्षा पास कर ली.
भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा की अधिकारी अंजलि बिड़ला ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट को हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस नवीन चावला ने ट्विटर और गूगल को 24 घंटे के भीतर अंजलि बिड़ला से जुड़े सभी विवादित पोस्ट हटाने का निर्देश दिया.
किए जा रहे सभी दावे मानहानिकारक और झूठे- अंजलि बिड़ला
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि बिड़ला की ओर से उनके वकील राजीव नायर ने जस्टिस नवीन चावला की अदालत में मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिस पर आज अदालत ने मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति दी. अंजलि बिड़ला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे मानहानिकारक और झूठे हैं.
वहीं, सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया था कि अंजलि बिड़ला अपने पिता के “शक्तिशाली पद” के कारण आईएएस अधिकारी बनीं. ओम बिरला के दोबारा लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने और NEET UG पेपर लीक विवाद शुरू होने के तुरंत बाद ये दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.
यूट्यूबर ध्रुव राठी का पैरोडी अकाउंट भी शामिल
कई सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है कि अंजलि बिरला पेशे से एक मॉडल हैं. उन्होंने अपने पिता की “शक्तिशाली स्थिति” के कारण ही अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की. हालांकि, अंजलि बिड़ला ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि इन सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल “पूर्व नियोजित साजिश” के तहत किया जा रहा है. इनका मकशद उन्हें और उनके पिता को बदनाम करने की है.
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अंजलि बिड़ला ने अपने मुकदमे में एक्स (ट्विटर), गूगल और अज्ञात व्यक्तियों को पक्षकार बनाया है और उन पोस्ट को हटाने की मांग की. याचिका में उन्होंने 16 एक्स अकाउंट का ब्योरा दिया था, जिनके खिलाफ राहत मांगी गई थी. इसमें यूट्यूबर ध्रुव राठी का पैरोडी अकाउंट भी शामिल है.
सोशल मीडिया पोस्ट में किए गए दावों के विपरीत, अंजलि बिड़ला आईएएस नहीं बल्कि आईआरपीएस अधिकारी हैं. वह 2019 में यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं और अप्रैल 2021 में आयोग में शामिल हुईं.