कंसल्टेंसी फर्म के जरिए लाखों रुपए कमाए… सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को लेकर कांग्रेस का बड़ा दावा

कांग्रेस ने मंगलवार को फिर से सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर सनसनीखेज आरोप लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियों से 2.95 करोड़ रुपए लिए. बुच के पति ने भी महिंद्रा एंड महिंद्रा से व्यक्तिगत क्षमता में आय के रूप में 4.78 करोड़ रुपए लिए. खेड़ा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जमकर घेरा और पूछा कि कौन सी मिलीभगत चल रही है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एक कंपनी अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया था, जो कि 7 मई 2013 को रजिस्टर हुई थी. यह कंपनी माधबी पुरी बुच और उनके पति की है, लेकिन माधबी बुच ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खंडन किया था. उस खंडन में उन्होंने लिखा कि उनकी सेबी में नियुक्ति के बाद से यह कंपनी निष्क्रिय है, लेकिन इस कंपनी में अभी भी 99 प्रतिशत हिस्सेदारी माधबी बुच की है और यह कंपनी आज भी सक्रिय रूप से परामर्श और सलाहकार सेवाएं प्रदान कर रही हैं. खेडा ने कहा, यह जानबूझकर झूठ बोलने का मामला है. यह भ्रष्टाचार से कहीं आगे की बात है, यह आपराधिक साजिश है.
कांग्रेस का दावा- अगोरा के जरिए 95 लाख रुपए कमाए
खेड़ा ने कहा, कांग्रेस ने सवाल किया था कि अगोरा से किन-किन कंपनियों ने सेवाएं ली. जिन कंपनियों ने अगोरा की सेवाएं लीं, क्या वो सेबी की जांच के दायरे में हैं. इसका जवाब मिला कि माधबी बुच ने सेबी के अपने कार्यकाल में रहते हुए अगोरा के माध्यम से दो करोड़ 95 लाख रुपए कमाए. जिन कंपनियों से ये पैसा कमाया गया, उनमें से कुछ महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, डॉ रेड्डीज, पिडिलाइट, आईसीआईसीआई, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड हैं. यह सभी कंपनियां सेबी द्वारा विनियमित हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि माधबी बुच के पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी से चार करोड़ 78 लाख रुपए मिले. उस समय माधबी बुच सेबी में पूर्णकालिक सदस्य थीं, जो कि नियमों का उल्लंघन है. इस दौरान सेबी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के पक्ष में कई फैसले भी लिए थे.
खेड़ा ने सरकार से पूछे सवाल?

क्या प्रधानमंत्री को पता था कि अगोरा में माधबी बुच की 99 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है?
जब प्रधानमंत्री ने माधबी बुच को सेबी चेयरपर्सन बनाया, तो क्या उन्हें किसी एजेंसी ने रिपोर्ट नहीं दी थी?
क्या पीएम को जांच एजेंसियों ने नहीं बताया था कि अगोरा के आर्थिक-व्यावसायिक रिश्ते उन कंपनियों से हैं?
जिनकी जांच सेबी कर रही है, क्या पीएम के सामने किसी ने भी माधबी बुच के खिलाफ सबूत नहीं रखे थे कि इन्हें दूसरे कंपनियों से इतने पैसे क्यों मिल रहे हैं?
अगर ये सबूत सामने रखे गए थे, तो फिर कौन सी मिलीभगत जारी है?
आखिर किसे फायदा पहुंचाया जा रहा है और क्यों किसी को बचाया जा रहा है?

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