कन्हैया लाल मर्डर: फरहाद के बाद अब जावेद बाहर…’मुख्य साजिशकर्ता’ को किस आधार पर मिली जमानत?

करीब दो साल पहले राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में एक और आरोपी को जमानत मिल गई है.जावेद दूसरा आरोपी है जिसे जमानत मिली है. इससे पहले 1 सितंबर 2023 को आरोपी फरहाद मोहम्मद शेख उर्फ बाबला को भी जमानत मिल चुकी है. जावेद को तो राजस्थान हाईकोर्ट से बेल मिली है जबकि फरहाद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कोर्ट ने जमानत दिया था.
हत्या के एक महीने के बाद जावेद की गिरफ्तारी एनआईए ने की थी. एनआईए इस केस की जांच हत्या के अगले ही दिन यानी 29 जून 2022 से कर रही है. और वह दिसंबर 2023 में 11 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल कर चुकी है. जिनमें से दो आरोपी पाकिस्तानी हैं. मोहम्मद जावेद, जिसे अब जमानत मिली है, इस पर हत्या से पहले इलाके की रेकी करने का आरोप था.
किस तरह हुई थी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या?
28 जून, 2022. राजस्थान से दिल ओ दिमाग को हिला देने वाली खबर आई. राजधानी जयपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर उदयपुर में हाथीपोल इलाके में दर्जी की दुकान चलाने वाले कन्हैया लाल की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. आरोप था कि कन्हैया लाल ने सोशल मीडिया के जरिये भाजपा की प्रवक्ता रहीं नुपूर शर्मा के उस बयान का समर्थन किया था जो उन्होंने पैगंबर साहब को लेकर दिया था.
फिर क्या, सनक से भरे दो लोग – गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अट्टारी कन्हैया लाल की दुकान में ग्राहक की तरह दाखिल हुए और एक धारदार हथियार से कन्हैया लाल की गला रेतकर हत्या कर दी. न केवल इतना, उन्होंने इस वीभत्स घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया. पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए दोनों को कुछ ही घंटे के भीतर गिरफ्तार किया. आज भी ये दोनों अजमेर जेल में बंद हैं.
मोहम्मद जावेद पर आरोप और जमानत की शर्तें
जावेद पर अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचने, रेकी करने तथा हत्या से पहले कन्हैया लाल के अपनी दुकान पर मौजूद होने की सूचना अटारी और गौस को देने का आरोप लगाया गया था.
मामले की जांच एनआईए कर रही है. जयपुर में एनआईए की अदालत ने 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 452, 153-ए, 295-ए, 120-बी और यूएपीए के तहत आरोप तय किया है.
इस जघन्य अपराध के तकरीबन दो साल बाद मोहम्मद जावेद को राजस्थान हाईकोर्ट से कुल 3 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत मिल गई. जमानत की शर्तों के मुताबिक जावेद देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकेगा. और एनआईए की जांच में लगातार सहयोग करना होगा.जावेद ने राजस्थान उच्च न्यायालय से पहले एनआईए की अदालत से राहत की गुहार लगाई थी मगर वहां उसकी बात न बनी. इसके बाद जावेद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
किस आधार पर जावेद को मिली जमानत
मोहम्मद जावेद की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में सैयद सादत अली पेश हुए. अली की दलील मुख्यतः 4 थी –
पहला – जावेद के यहां से किसी भी तरह की कोई बरामदगी नहीं हुई है और मुकदमे में अब भी उसका दोषी साबित होना बाकी है. जावेद एक चुड़ी की दुकान पर काम करता था. एनाआईए ऐसा कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं दे पाई है जिससे यह साबित हो सके कि इस हत्या में जावेद की कोई मिलीभगत थी.
दूसरा – एनाआईए ने दावा किया था कि जावेद और दूसरे आरोपियों ने 27 जून को एक चाय की दुकान पर कन्हैयालाल के हत्या की साजिश रची. हालांकि, चाय की दुकान के मालिक का बयान इस दावे से अलग है.
तीसरा – एनाआई यह साबित करने में नाकाम रही है कि जावेद ने हत्या से पहले घटनास्थल की किसी तरह की कोई रेकी की. हत्या करने वाले मुख्य आरोपियों के बारे में कहा जाता है कि वे घटना से पहले एक चाय की दुकान पर इकठ्ठा हुए लेकिन जावेद के लोकेशन से मालूम होता है कि वह वहां मौजूद नहीं था.
चौथा – जावेद की गिरफ्तारी फोन कॉल के रिकॉर्ड्स पर हुई. जबकि साजिश रचने में शामिल रहे दूसरे आरोपियों और जावेद के लोकेशन में अंतर रहा. जावेद को एक नामूलम नंबर से 11 बजे कॉल आया जबकि हत्या 3 बजकर 30 मिनट पर हुआ. साथ ही, मुख्य आरोपी अट्टारी और जावेद के बीच कभी भी फोन पर बातचीत नहीं हुई.
सैयद सादत अली की दलीलों पर गौर करते हुए जस्टिस पंकज भंडारी और प्रवीन भटनागर की डिवीजन बेंच ने जावेद की जमानत का आदेश दे दिया.
जमानत पर BJP और कांग्रेस में तू-तू, मैं-मैं
मोहम्मद जावेद की जमानत पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने भाजपा को घेरा है. पर इस मामले के जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करने का इल्जाम लगाया है. और कहा कि केंद्र सरकार की एनआईए दोषियों को सजा दिलाने में विफल रही है. गहलोत ने यह भी दावा किया है कि लोग नहीं भूले हैं कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दो मुख्य आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता थे.
जबकि भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने हत्या के दोषियों को सजा दिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई है. और अशोक गहलोत की ओर एनआईए की जांच और भाजपा की कथनी-करनी और मंशा पर सवाल उठाने के जवाब में जयपुर सीरियल बॉम्ब ब्लास्ट की जांच में हुई हीलाहवाली का सवाल उठाया है. राठौड़ ने पूछा है कि – गहलोत साहब, आप जयपुर ब्लास्ट में बारे गए बेगुनाह 71 लोगों को कैसे भूल रहे हैं जिनकी हत्या हुई, और कांग्रेस की पुरानी सरकारों के दौरान ढुलमुल कानूनी कार्रवाई के बाद जो आतंकवादी बरी हो गए, उसका दोषी कौन है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *