करते हैं इस तरह का भोजन तो हो सकती है भूलने की बीमारी, रिसर्च में हुआ खुलासा
पिछले दिनों अमेरिका में अल्जाइमर्स बीमारी को लेकर एक रिसर्च पेश की गई. इस रिसर्च में 1 लाख से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया था. 2 दशक तक चली रिसर्च में अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड के साइड इफ़ेक्ट्स के बारे में बताया गया है. रिसर्च में बताया गया है कि अल्ट्रा प्रोसेस फूड्स खाने से भूलने की बीमारी हो सकती है. भूलने की बीमारी को मेडिकल की भाषा में डिमेंशिया और अल्जाइमर कहते हैं. डिमेंशिया की बीमारी में इंसान की याददाश्त कमजोर होने लगती है. अमेरिका अल्जाइमर्स एसोसिएशन की रिसर्च में यह सामने आया है की जो लोग जितना ज्यादा प्रॉसेस्ड फूड खाते हैं उनमें डिमेंशिया होने का खतरा उतना ही अधिक है.
रिसर्च के मुताबिक, प्रोसेस्ड मीट खाने से भी डिमेंशिया का रिस्क है. सप्ताह में दो बार इसको खाने और महीने में 2 बार खाने वालों की तुलना में डिमेंशिया का रिस्क करीब 10 फीसदी ज्यादा है. इसी तरह किसी भी प्रकार के प्रोसेस्ड फूड को खाने वालों में ऐसा भोजन न करने वालों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 12 फीसदी ज्यादा है. ये रिस्क जरूरी नहीं है कि बुजुर्गों में ही हो. गलतखान किसी भी उम्र में इस बीमारी के होने के जोखिम को बढ़ा देता है.
डिमेंशिया की बीमारी क्या होती है?
डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति की याददाश्त, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करती है. जिन लोगों को डिमेंशिया हो जाता है वह अपने दैनिक कामों को भी भूलने लगते हैं.डिमेंशिया में आम तौर पर मैमोरी लॉस होता है. यह अक्सर इस स्थिति के शुरुआती लक्षणों में से एक होता है. लेकिन केवल भूलने की समस्या है तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपको डिमेंशिया है. डिमेंशिया तब होता है जब आप रोजमर्रा के जरूरी कामों को भी भूलने लगें. अधिकतक मामलों में अल्जाइमर बीमारी ही डिमेंशिया का कारण बनती है. अकसर ये बीमारी बुजुर्गों को होती है. स्मोकिंग, खराब खानपान, डिप्रेशन और सिर में लगी कोई गंभीर चोट इस बीमारी के रिस्क फैक्टर हैं.
डिमेंशिया के लक्षण क्या हैं
भूलने की समस्या
किसी काम की प्लानिंग न कर पाना
शब्दों को बोलने में परेशानी
कोई काम जरूरी है तो उसको भी भूल जाना
कन्फयूजन में रहना
किसी काम की योजना न बना पाना
बचाव कैसे करें
अपने दिमाग को एक्टिव रखें
नशा न करें
विटामिन डी जरूर लें
रोजाना एक्सरसाइज करें
खानपान का ध्यान रखें