करुणानिधि की 100वीं पुण्यतिथि पर राजनाथ सिंह ने जारी किया स्मारक सिक्का, बताया राजनीति का महापुरुष

Rajnath Singh On M Karunanidhi: तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के पूर्व अध्यक्ष एम करुणानिधि की रविवार को 100वीं पुण्यतिथि मनाई गई. वहीं, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री की पुण्यतिथि पर 100 रुपये का एक स्मारक सिक्का जारी किया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने करुणानिधि की प्रशंसा की और उन्हें भारतीय राजनीति का एक महापुरुष बताया.
राजनाथ सिंह ने करुणानिधि के पुत्र और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में यह स्मारक सिक्का जारी किया. उन्होंने कहा कि करुणानिधि हमारे देश के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक हैं. एक ऐसे व्यक्ति जिनका प्रभाव तमिलनाडु की सीमाओं से कहीं आगे तक फैला हुआ था. करुणानिधि भारतीय राजनीति के एक दिग्गज स्तंभ और सामाजिक न्याय के एक अथक समर्थक थे.
करुणानिधि एक राष्ट्रीय शख्सियत थे- रक्षा मंत्री
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘द्रविड़ियन चैंपियन’ की राजनीतिक यात्रा एक दृढ़ता, संकल्प और लोगों के साथ गहरे जुड़े हुए संबंध की कहानी है. पांच बार मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल आम लोगों की जरूरतों को पूरा करने की उनकी उल्लेखनीय क्षमता के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति के जटिल परिदृश्य में काम करते हुए वह सिर्फ एक क्षेत्रीय नेता नहीं थे, बल्कि एक राष्ट्रीय शख्सियत थे. उनका प्रभाव पूरे देश में महसूस किया जाता था.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भागीदारी, गठबंधन सरकार में उनकी भूमिका और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनकी बातचीत भारत के विचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. सिंह ने कहा, ‘राज्य के अधिकारों पर उनका जोर, संघ के भीतर सत्ता के अधिक संतुलित और न्यायसंगत वितरण का आह्वान था.’
सिंह ने करुणानिधि के NDA के साथ जुड़ाव को किया याद
करुणानिधि 1960 के दशक में एक नेता के रूप में उभरे, जो स्वतंत्रता के बाद के भारत में बड़े बदलाव का दौर था. ये वो दिन थे जब कई क्षेत्रीय दल उभरे और सरकार बनाने में भी कामयाब रहे. इस दौरान कई उत्तर भारतीय राज्यों में गठबंधन सरकारें बनीं. सिंह ने कहा, ‘उस समय उभरे कई क्षेत्रीय दल लुप्त हो चुके हैं, लेकिन करुणानिधि ने डीएमके को इतना मजबूत आधार प्रदान किया कि यह 1960 के दशक की एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी है जो आज भी सत्ता में है.’
सिंह ने करुणानिधि के बीजेपी नीत एनडीए के साथ अतीत के जुड़ाव को याद किया. उन्होंने कहा कि विचारों के मतभेदों के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का समर्थन करते हुए एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाई. सिंह ने कहा कि उनका समर्थन राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों और महत्वपूर्ण घटनाओं के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण था.
CM को तिरंगा फहराने की अनुमति दी जाए
उन्होंने यह भी याद किया कि करुणानिधि ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय दिवस पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी जाए, जबकि यह कर्तव्य पहले राज्यपालों द्वारा निभाया जाता था. सिंह ने कहा, ‘उनकी आवाज का असर हुआ और यह निर्णय लिया गया कि स्वतंत्रता दिवस पर केवल मुख्यमंत्री ही झंडा फहराएंगे. इस तरह करुणानिधि 15 अगस्त 1974 को झंडा फहराने वाले तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री भी बने.
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रक्षा मंत्री ने कहा, ‘करुणानिधि ने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी और सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भी लोकतंत्र और सहकारी संघवाद की शक्ति में विश्वास करती है. भारत न केवल अपने 1.4 अरब लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है, बल्कि लोगों को यह उम्मीद भी दे रहा है कि लोकतंत्र विकास लाता है और लोगों को सशक्त बनाता है.’

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