कर्नाटक में ED अफसरों पर FIR, CM को फंसाने के लिए अधिकारी पर दबाव बनाने का आरोप

कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपये के घोटाले में एक बड़ा मोड़ सामने आया है. राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को फंसाने के लिए दबाव डालने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अफसरों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया.
समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कल्लेश बी की शिकायत के आधार पर ईडी के दो अधिकारियों के खिलाफ विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. जिसमें सामान्य इरादे के साथ संयुक्त आपराधिक दायित्व, आपराधिक धमकी और शांति भंग करने की धाराएं लगाई गई हैं.
कल्लेश ने मुरली कन्नन नाम के एक ईडी अधिकारी और मित्तल उपनाम वाले एक अधिकारी पर आरोप लगाया है. कर्नाटक सरकार की गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के अलावा, सीबीआई भी 187 करोड़ रुपये के कथित गबन की जांच कर रही है, जिसमें हैदराबाद स्थित कंपनियों को 88 रुपये के अवैध ट्रांसफर भी शामिल है.
सीबीआई ने मामले की जांच के लिए ईडी को शामिल किया है, जिसने पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और वाल्मिकी निगम के अध्यक्ष और विधायक बसनगौड़ा दद्दल से जुड़े स्थानों पर छापे मारे थे. ईडी ने नागेंद्र को भी गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
कल्लेश ने कहा कि 16 जुलाई को पूछताछ के दौरान कन्नन ने उनसे 17 सवाल पूछे और उन्होंने तुरंत उनका जवाब दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कन्नन ने उनसे पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, सीएम सिद्धारमैया और वित्त विभाग का नाम लेने के लिए कहा.
इसके अलावा, कल्लेश ने कहा कि मित्तल ने कथित तौर पर उन्हें मामले में फंसाने की धमकी दी और कहा कि अगर वह चाहते हैं कि ईडी उनकी मदद करे, तो उन्हें मुख्यमंत्री, नागेंद्र और वित्त विभाग का नाम लेना चाहिए.
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि हालांकि वह इस अपराध में शामिल नहीं था, फिर भी उसे बुलाया गया और धमकी दी गई. साथ ही और लिखित में देने के लिए कहा गया कि मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री और वित्त विभाग के अधिकारी इसमें शामिल थे.

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