कहां रखा है 1947 में फहराया गया एकमात्र तिरंगा… क्या थी उसकी लंबाई-चौड़ाई?
आज भारत एक आजाद मुल्क है, लेकिन इसकी कीमत बहुत लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई है. शायद ही देश का कोई ऐसा कोना होगा जहां से मुल्क की आजादी के लिए आवाज न उठी हो या फिर जहां की सड़कों पर आजादी के मतवालों का खून ना बहा हो. हर कदम पर आपको ऐसे निशान आज भी मिल जाएंगे जो देश की आजादी और उसपर मर मिटने वालों की कहानी बयां करते हैं. आज जब भी 15 अगस्त या फिर 26 जनवरी का दिन आता है तो हर जगह शान से तिरंगा लहराया जाता है, लेकिन सोचिए वह दिन कितना खास रहा होगा जब पहली बार आजाद भारत की सरजमीं पर तिरंगा फहराया गया होगा. क्या आप जानते हैं कि वह तिरंगा अब कहा है?
चेन्नई के राष्ट्रीय धरोहर फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय में आज भी वह तिरंगा रखा हुआ है जो 15 अगस्त 1947 के दिन फहराया गया था. 12 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा ये राष्ट्रीय खजाना 15 अगस्त 1947 को फहराए गए पहले झंडे में से एक है. यह भारत का एकमात्र झंडा है जो 1947 में फहराया गया था.
15 अगस्त 1947 को फहराया गया था झंडा
यह झंडा उस संघर्ष का प्रमाण है जो देश की आन पर कुर्बान होने वाले रणबांकुरों की कहानी बताता है. यह झंडा शुद्ध रेशम से बना है और इसकी लंबाई लगभग 3.50 मीटर और चौड़ाई 2.40 मीटर है. 15 अगस्त 1947 को सुबह 5.30 बजे फोर्ट सेंट जॉर्ज में झंडा फहराया गया था. म्यूजियम में भारतीय स्वतंत्रता गैलरी भारतीय ध्वज के विकास और तिरंगे के निर्माण के पीछे की कहानियों को भी दिखाती है. व्हाइट टाउन कहलाने वाले इस किले का निर्माण 1640 के दशक में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए किया गया था. किले का निर्माण 23 अप्रैल 1644 को सेंट जॉर्ज डे के दिन पूरा हुआ था, और इसलिए इसका नाम सेंट जॉर्ज फोर्ट रखा गया था. इसी किले में फोर्ट सेंट जॉर्ज का एक मुख्य संग्रहालय है जहां भारतीय इतिहास से जुड़ी तमाम चीजें रखी हैं.
31 जनवरी 1948 को हुआ था उद्घाटन
फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय को 31 जनवरी 1948 से जनता के लिए खोला गया था. किले में बिखरे हुए पाए गए ब्रिटिश राज के अवशेषों को रखने के लिए इस इमारत में संग्रहालय बनाया गया था. इसका विचार 1946 में कर्नल डी.एम. ने रखा था. इस संग्रहालय में अब औपनिवेशिक काल की तीन हजार पांच सौ से ज्यादा कलाकृतियां हैं. उनमें से सर्वश्रेष्ठ को आगे के नौ लाइनों में रखा गया है. इस म्यूजियम की इंडो-फ्रेंच गैलरी में घड़ियां, टिकटें, फर्नीचर, लैंपशेड और सदियों पुराने ब्रिटिश सिक्के रखे हैं, जबकि यूनिफॉर्म और मेडल गैलरी में भारत में युद्ध लड़ने वाले सैनिकों की पहनी जाने वाली सैन्य वर्दी, औपचारिक पोशाकें और उन्हें दिए जाने वाले पदक रखे हैं.