कहीं आप तो नहीं हो गए UPS के चक्कर में OPS-NPS में कंफ्यूज? यहां जानें पूरा सच
मोदी कैबिनेट ने जब से नई पेंशन स्कीम यूपीएस को देश भर में लागू किया है. ओपीएस की मांग फीकी पड़ गई है. अगर आप भी कंफ्यूज हैं तीनों पेंशन स्कीम को लेकर तो यहां आसान भाषा में समझ लीजिए. देखिए, UPS के तहत केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पेंशन दी जाएगी. सरकारी कर्मचारियों के लिए 25 साल नौकरी करने पर रिटायर होने के बाद उसकी पिछले 12 महीने की बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा. इसी स्कीम की खास बात यह है कि इसमें एश्योर्ड पेंशन का प्रावधान है. अगर कोई व्यक्ति 10 साल नौकरी करता है तो उसे कम से कम 10 हजार पेंशन दी जाएगी.
ये होगी खासियत
इसमें फैमिली पेंशन का भी प्रावधान है, जिसके अनुसार, अगर रिटायर होने के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा परिवारजनों को मिलेगा. यूपीएस में रिटायरमेंट पर एक मुश्त राशि दी जाएगी. इसकी गणना कर्मचारी के हर छह महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाएगा. यूपीएस में रिटायरमेंट के बाद पेंशन बढ़ाने का भी प्रावधान है, जिसे इंडेक्स से जोड़ा गया है. यूपीएस केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है, इससे 23 लाख से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे.
प्राइवेट सेक्टर वाले नहीं उटा पाएंगे यूपीएस का लाभ
यूपीएस केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है, वहीं एनपीएस सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए है. ओपीएस सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए थी. यूपीएस में पिछले 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में दिया जाएगा, जबकि एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद कोई गारंटीड पेंशन का प्रावधान नहीं था जबकि ओपीएस आखिरी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाता था.
एनपीएस नहीं सेफ?
यूपीएस और ओपीएस एक सुरक्षित स्कीम है, वहीं एनपीएस शेयर बाजार से लिंक है. यूपीएस में एनपीएस की तरह ही वेतन का 10 फीसदी यानी कि बेसिक प्लस डीए कटेगा. हालांकि इसमें सरकार का योगदान 18.5 फीसदी का होगा जो कि पहले 14 फीसदी था, ओपीएस में कोई कटौती नहीं होती थी. यूपीएस में रिटायरमेंट पर एक मुश्त राशि का प्रावधान किया है, जिसका कैलकुलेशन कर्मचारी के हर 6 महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10वें हिस्से के तौर पर किया जाए जाएगा.
यहां बाजी मार रहा एनपीएस
एनपीएस में कुल जमा राशि में से 60 फीसदी रिटायरमेंट पर एक मुश्त राशि निकाली जा सकती थी और 40 फीसदी एनयूटी के लिए रखी जाती थी. यूपीएस और ओपीएस में पेंशन पाने के लिए कोई निवेश नहीं करना होता है, जबकि एनपीएस में फंड का 40 फीसदी पैसा निवेश करना पड़ता है. यूपीएस और ओपीएस में इंडेक्स का फायदा मिलता है जबकि एनपीएस में ऐसा नहीं था. यूपीएस में 10 साल नौकरी करने पर 10 हजार प्रति महीने की पेंशन का प्रावधान है. एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जबकि ओपीएस में पेंशन कम्युटेशन का प्रावधान है.