कहीं आप भी तो नहीं हैं ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट? इन आदतों से करें पता
Over Protective Parent: बच्चे को कितनी छूट देनी है ये तय कर पाना बेहद मुश्किल होता है. साथ ही पेरेंट्स को बच्चों के साथ कई बार सख्ती से भी पेश आना पड़ता है. इसमें थोड़ी सी भी चूक बच्चों को उग्र बना सकती है. बच्चे की परवरिश बेहद संवेदनशील टॉपिक है, इसे एक फिक्स दायरे में समेटना बेहद मुश्किल है. जहां मां बाप का प्यार बच्चों के दिल को खुश कर देती है वहीं हद से ज्यादा लाड प्यार उन्हें बिगाड़ भी सकता है. फिर सवाल ये आता है कि ये कैसे तय किया जाए कि बच्चों के प्रति हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए, आइए जानते हैं इसके बारे में.
हर पेरेंट्स यही चाहते हैं कि उनके बच्चे जीवन में सफल रहें, इसके लिए वह अपने बच्चे की हर इच्छा पूरी भी करते हैं. लेकिन कई बार इस लाड प्यार की वजह से बच्चे हद से ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं और फिर उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आप यहां बताई गई कुछ टिप्स की मदद ले सकते हैं.
समय के साथ बदलें पेरेंटिंग का तरीका
बढ़ती महंगाई की वजह से बच्चे की हर ख्वाहिश को पूरी करने का दबाव हर पेरेंट पर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में कुछ पेरेंट्स बच्चों की खुशी के लिए इतनी सारी चीजें जुटा देते हैं कि वो बच्चे के किसी काम नहीं आती है बल्कि इसकी जगह बच्चों को अपने पेरेंट्स का समय चाहिए होता है. इस वजह से कई बार बच्चों को भी ये लगता है कि वो जिद करके कोई भी चीज पा सकते हैं. इतना ही नहीं हर पेरेंट अपने बच्चे से हद से ज्यादा प्यार करते हैं लेकिन कब ये प्यार ओवर प्रोटेकशन में बदल जाता है उन्हें खुद भी पता नहीं चल पाता है. आइए जानते हैं क्या है ओवरप्रोटेक्टिव पेरेंट के लक्षण.
कैसे पहचानें आप हैं ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट?
कई बार पेरेंट्स ये समझ ही नहीं पाते हैं कि बच्चे के प्रति उनका व्यवहार सही है या फिर ओवर प्रोटेक्टिव है. कुछ पेरेंट्स का ये मानना होता है कि बच्चों को अनुसाशन में रखने के लिए समय-समय से उन्हें डाटना भी जरूरी होता है, इससे उनमें पेरेंट्स का डर बना रहता है जिससे वो गलत आदतों से दूर रहते हैं. वहीं कुछ पेरेंट्स का सोचना होता है कि उनहें बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखना चाहिए. इन दोनों ही बातों की अति नुकसानदायक हो सकती है.
कुछ बातें ऐसी हैं जो आपको बनाती हैं ओवर प्रोटेक्टिव पेरेंट
1.अगर बच्चा बाहर कुछ भी खाएगा तो बीमार पड़ जाएगा
2.चोट लगने के डर से बच्चे को खेलने के लिए न भेजना
3.लगाार उन पर नजर रखना
4. कम महंगे स्कूल में पढ़ेगा तो बच्चा पीछे रह जाएगा
5.बच्चा अगर अकेले बाहर जाएगा तो उसे कुछ हो जाएगा