कांग्रेस संगठन में बड़ा फेरबदल, कई राज्यों में नए सचिव-संयुक्त सचिव नियुक्त, यहां देखें लिस्ट
कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए शुक्रवार को कई नए सचिवों और संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की. साथ ही कई पदाधिकारियों के प्रभार वाले प्रदेशों में भी बदलाव किया है. ये लोग प्रभारियों और महासचिवों के नेतृत्व में काम करेंगे. इसमें अहम नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव का है, जिन्हें सचिव (गुजरात) नियुक्त किया गया है.
इनके अलावा कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा को सचिव (पंजाब), मनोज त्यागी संयुक्त सचिव (प्रशासन), परगट सिंह को उत्तराखण्ड और कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को सचिव (राजस्थान) नियुक्त किया गया है.
कांग्रेस ने संगठन में किया बड़ा बदलाव
दरअसल पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए एआईसीसी के सचिवों और संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की. ये पदाधिकारी संबंधित राज्यों में पार्टी के महासचिवों और प्रभारियों के साथ काम करेंगे.
किसको कहां मिली जिम्मेदारी
कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यालय में कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी निभा रहे प्रणव झा और गौरव पंधी को एआईसीसी सचिव बनाया गया है.
कांग्रेस के संचार विभाग के तहत एआईसीसी सचिव की भूमिका निभा रहे विनीत पुनिया यह जिम्मेदारी निभाते रहेंगे, हालांकि उनके साथ इस विभाग में रुचिरा चतुर्वेदी को भी सचिव नियुक्त किया गया है.
राजस्थान के दो पूर्व विधायकों दानिश अबरार को दिल्ली और दिव्या मदेरणा को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए सचिव नियुक्त किया गया है.
महिला कांग्रेस की पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष नेटा डिसूजा और एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष नीरज कुंदन पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बतौर एआईसीसी सचिव काम करेंगे.
धीरज गुर्जर, प्रदीप नरवाल, राजेश तिवारी और तौकीर आलम पहले की तरह उत्तर प्रदेश में बतौर एआईसीसी सचिव काम करते रहेंगे.
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत शरद यादव की पुत्री सुभाषिनी यादव को भी सचिव नियुक्त किया गया है. उत्तराखंड के विधायक काजी निजामुद्दीन सचिव बने रहेंगे, हालांकि उन्हें राजस्थान की जगह महाराष्ट्र का सह-प्रभारी बनाया गया है.
इनके अलावा झारखंड सरकार में मंत्री दीपिका पांडे सिंह को सचिव और हिमाचल प्रदेश की सह-प्रभारी राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन को भी उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है.