कांवड़ यात्रा पर पुलिस के आदेश पर सियासी घमासान जारी, ओवैसी ने CM योगी को दी चुनौती
कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर लगातार सियासी संग्राम जारी है. जहां पुलिस इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देकर बचाव कर रही है तो वहीं विपक्षी दलों के नेता इस फैसले को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं. वहीं अब इस फैसले के विरोध में बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी भी उतर आए हैं. उन्होंने इस फैसले को हड़बड़ी में गड़बड़ी करार दिया है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. मायावती ने X पर पोस्ट किया है कि यह नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है. उन्होंने लिखा है कि सरकार को इसे जनहित में तुरंत वापस लेना चाहिए.
इससे पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए योगी सरकार पर छुआछूत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. ओवैसी ने कहा है कि, “मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर हिम्मत है तो लिखित आदेश जारी करें.”
दरअसल 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है, कांवड़ यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनी रहे इसके मद्देनजर मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानों, ढाबों और ठेलों पर मालिक और काम करने वाले का नाम चस्पा करना होगा. जिससे कांवड़ियों को किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे.
मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश की सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना हो रही है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस आदेश का विरोध जताया ही है, साथ ही गीतकार जावेद अख्तर ने भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर इसे लेकर सवाल उठाया है. जावेद अख्तर ने लिखा है कि, “नाज़ी जर्मनी में केवल विशेष दुकानों और घरों को ही निशाना बनाते थे.”
Muzaffarnagar UP police has given instructions that on the route of a particular religious procession in near future all the shops restaurants n even vehicles should show the name of the owner prominently and clearly . Why ? . In Nazi Germany they used to make only a mark on
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) July 18, 2024
बता दें कि हर साल सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त गंगा तट पर जाते हैं. इस दौरान सात्विक भोजन करने पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है और यह यात्रा अक्सर नंगे पैर ही की जाती है. दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मार्ग पर बड़ी संख्या में कांवड़िये यात्रा करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित हर साल करीब 4 करोड़ कांवड़िये इस यात्रा में शामिल होते हैं और ढाई करोड़ कांवड़िये मुजफ्फरनगर के रास्ते से गुजरते हैं. पुलिस का कहना है कि उसका आदेश इसलिए है ताकि कोई विवाद ना हो लेकिन इस आदेश को लेकर सियासी बखेड़ा तो शुरू हो ही चुका है. अब ऐसे में देखना होगा कि क्या प्रशासन इस फैसले को वापस लेगा या नहीं.