काबुल में फिदायीन हमला, अटॉर्नी जनरल ऑफिस के पास हुए धमाके में 5 विदेशियों समेत 10 लोगों की मौत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती हमला हुआ है. अटॉर्नी जनरल ऑफिस के पास हुए ब्लास्ट में 5 विदेशियों सहित 10 लोगों की मौत हुई है. ये आत्मघाती हमला उस वक्त हुआ जब सरकारी कर्मचारी काम खत्म करके घर के लिए निकल रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आत्मघाती हमलावर का निशाना वाहनों में सवार तालिबान के सरकारी अधिकारी थे.
काबुल में साल 2008 में बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था. इसमें भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया था. 7 जुलाई 2008 को भारतीय दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले में 58 लोगों की मौत हुई थी. 141 लोग घायल हुए थे. इस हमले को लेकर अमेरिकी ने दावा किया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर इसे अंजाम दिया गया था.
आरोप को पाकिस्तान ने बताया था बकवास
हालांकि, पाकिस्तान ने इस दावे को नकारा था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह से बकवास करार दिया था. कहा था कि इसमें आईएसआई की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है. इस हमले को लेकर अफगान गृह मंत्रालय ने कहा था कि शुरुआती जानकारी में पता चला है कि इस हमले का मुख्य टारगेट सुरक्षा बल नहीं बल्कि भारतीय दूतावास था. ब्लास्ट के समय भारतीय राजदूत और उनके डिप्टी इमारत के अंदर थे. उन्हें कोई चोट नहीं आई थी.

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