कितनी भी हो सैलरी, कोई TAX नहीं, शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाएं फ्री… छोटा सा ब्रुनेई इतना अमीर देश कैसे बना?
पीएम मोदी ब्रुनेई की यात्रा पर हैं. 4.50 लाख लोगों की आबादी वाला यह देश कई मायनों में खास है. यहां के लोगों की लाइफस्टाइल हाई क्लास है. दुनिया के इस छोटे देश का सुल्तान हसनल बोल्किया सबसे अमीर शख्स की सूची में शामिल है, जो बाल कटवाने में 16 लाख रुपए खर्च करते हैं. उनके हेयर स्टाइलिस्ट प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से बुलाए जाते हैं. इतना ही नहीं, ब्रुनेई को टैक्स हेवन भी कहा जाता है. यहां लोगों की निजी कमाई पर सरकार टैक्स ही नहीं लेती. यह राहत सिर्फ यहां के नागरिकों को ही नहीं, प्रवासियों को भी दी जाती है.
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त दी जा रही हैं. ऐसे में सवाल है कि ब्रुनेई आखिर इतना अमीर कैसे बन गया कि आम इंसान से टैक्स तक नहीं वसूला रहा और यहां के लोगों की लाइफ लग्जीरियस क्यों है?
ब्रुनेई को क्यों कहते हैं टैक्स हैवन?
ब्रुनेई के नियम ही कुछ ऐसे हैं जो इसे खास देश बनाते हैं. यहां की टैक्स पॉलिसी और गोपनीय कानूनों के कारण ब्रुनेई को टैक्स हैवन कहते हैं, जो आम इंसान को राहत देने के साथ व्यापारी निवेशकों को आकर्षित करते रहे हैं. यहां लोगों की निजी इनकम पर टैक्स नहीं लगता. ऐसे में यह देश उन लोगों के लिए खास है जो टैक्स से बचना चाहते हैं. यहां 18.5 फीसदी का कॉर्पोरेट टैक्स लगता है.
व्यापार को बढ़ावा मिले इसके लिए विदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विदेशी कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स में खास छूट भी दी जाती है. यही वजह है कि विदेशी कंपनियां यहां बिजनेस शुरू करना पसंद करती हैं. निवेश से मिलने वाले फायदे पर भी कोई टैक्स नहीं लिया जाता है.
ब्रुनेई की दूसरी खासियत है यहां का गोपनीय कानून. किसी विदेशी को यहां के खाता धारकों को बारे में जानकारी मिलना नामुमकिन है क्योंकि यह जानकारी गुप्त रहती है. विदेशी टैक्स एजेंसियों को ब्रुनेई में मौजूद खातों की जानकारी मिलना संभव नहीं होता. लोग यहां के खातों में अपना पैसा रखना सुरक्षित विकल्प मानते हैं.
करंसी एक्सचेंज को लेकर भी यहां मॉनिटरिंग नहीं की जाती. इस तरह पूंजी को देश से बाहर ले जाने और यहां वापस लाना आसान हो जाता है. यही वजह है कि ब्रुनेई को टैक्स हेवन भी कहा जाता है.शिक्षा, स्वास्थ्य और टैक्स में मिलने वाली राहतों के कारण यहां के लोगों के लोगों को भरपूत बचत करने का मौका मिलता है. नतीजा, उनकी लाइफस्टाइल हाई क्लास है.
कैसे बना इतना अमीर देश?
ब्रुनेई की गिनती दुनिया के समृद्ध देशों में की जाती है. इसके पीछे की वजह है 1929 की वो खोज जिसने इस देश को बुलंदियों पर पहुंचा दिया. 1929 में ब्रुनेई के सेरिया इलाके में तेल की खोज हुई. ब्रिटिश मलायन पेट्रोलियम कंपनी ने ब्रुनेई में पहला कुआं खोदा, जिसे अब रॉयल डच शेल कहते हैं. तेल ने ब्रुनेई को विशेष पहचान दिलाई और यह देश महत्वपूर्ण तेल उत्पादक के तौर पर बनकर उभरा. तेल और प्राकृतिक गैस ही अर्थव्यवस्था की नींव है. यहां की जीडीपी का आधा हिस्सा तेल और गैस के जरिए ही आ रहा है.
तेल और गैस से ही ब्रुनेई ने खुद को समृद्ध देशाें की श्रेणी में शामिल किया. धीरे-धीरे इससे होने वाली कमाई को दूसरे सेक्टर में निवेश किया ताकि यहां की अर्थव्यवस्था सिर्फ तेल और प्राकृतिक गैस के भरोसे न रहे. इसका असर भी दिखा.
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