किसी के बेहोश होने के बाद क्या उसे पानी पिलाना चाहिए? एक्सपर्ट्स से जानें
देश के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री से अधिक हो गया है. तेज गर्मी और लू का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इस तरह के मौसम में कई प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है. तेज गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इस वजह से बेहोशी आना और हार्ट बीट का बढ़ने जैसी परेशानी हो जाती है. देखा भी जाता है कि ज्यादा गर्मी में लोग बेहोश हो जाते हैं. लेकिन बेहोश हुए व्यक्ति के होश में लाने के लिए कुछ लोग उसको पानी पिलाने की कोशिश करते हैं. अधिकतर मामलों में लोगों को यह पता नहीं होता है कि बेहोश हुए इंसान को होश में कैसे लाएं या उसको फर्स्ट ऐड कैसे दें. आइए इसके बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं.
दिल्ली के लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के पूर्व मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि व्यक्ति के बेहोश होने के बाद उसको पानी नहीं पिलाना चाहिए. इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. मंत्रालय ने कहा है कि अगर कोई बेहोश है तो उसे तुरंत पानी नहीं पिलाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बेहोश हुए व्यक्ति को पानी को पीने में परेशानी होती है. पानी सही तरीके से पेट में नहीं जा पाता है और इस दौरान धसका भी लग सकता है. ऐसे में अचानक सांस लेने में परेशानी हो सकती है. इससे तबीयत बिगड़ सकती है. ऐसे में कोशिश करें कि व्यक्ति को तुरंत पानी न पिलाएं. अगर व्यक्ति हल्का होश में आ गया है तो पानी पिला सकते हैं.
कोई बेहोश हो जाए तो क्या करें
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में प्रोफेसर दलजीत सिंह बताते हैं कि जब कोई बेहोश हो जाता है तो सबसे पहले अपने हाथों से उसके सिर को ऊपर की ओर उठाएं. इस दौरान चेहरे पर पानी की हल्की छींटे मारें . अगर व्यक्ति आपके पुकारने पर रिस्पॉन्स दे रहा ह तो ठीक है. इस दौरान देखें कि उसको सांस आ रही है और नब्ज चल रही है या नहीं. अगर ये दोनों चीजें है तो ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अगर सांस सही से नहीं आ रही है तो मरीज को तुरंत सीपीआर दें.
कैसे दें सीपीआर
डॉ सिंह बताते हैं कि मरीज की छाती के बीच में आप अपने हाथों की दोनों हथेलियों को एक दूसरे के ऊपर रखें. इस दौरान छाती को धीरे-धीरे लगभगलगभग 4 सेंटीमीटर नीचे की तरफ दबाएं. आपको 1 मिनट में 100 से 120 कंप्रेशन की दर से छाती को पुश करना है. ऐसा दो से तीन बार करना है.इसी को सीपीआर कहते हैं. इसको देने से शरीर के अंगों को ऑक्सीजन युक्त ब्लड मिलता है और ऑर्गन फेलियर और मौत के खतरे को कम किया जा सकता है.सीपीआर देने के दौरान एंबुलेस को कॉल भी करना जरूरी है. सीपीआर देने से मरीज के सही स्थिति में अस्पताल पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है.