कुश्ती जीत गई, मैं हार गई मां… विनेश फोगाट ने किया संन्यास का ऐलान
भारत की महिला रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है. विनेश फोगाट ने ये फैसला पेरिस ओलंपिक में हुए अपने डिस्क्वालिफिकेशन के बाद लिया. विनेश फोगाट ने अपने संन्यास की जानकारी एक्स-हैंडल के जरिए दी.उन्होंने संन्यास लेते हुए कहा की वो देशवासियों की ऋणी रहेंगी. अलविदा कुश्ती.
विनेश फोगाट का संन्यास, मां से मांगी माफी
विनेश फोगाट ने कुश्ती को अलविदा कहते हए एक्स-हैंडल पर अपनी मां से माफी भी मांगी है. उन्होंने लिखा कि मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई. माफ करना. आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं. इससे ज्यादा ताकत अब नहीं रही.
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
अलविदा कुश्ती 2001-2024
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 7, 2024
पेरिस ओलंपिक में जो हुआ, उससे विनेश फोगाट आहत
विनेश फोगाट के ट्वीट से साफ है कि पेरिस ओलंपिक में उनके साथ जो हुआ, उसका उन्हें गहरा दुख है. और, उसी का नतीजा है कि उन्होंने संन्यास का ऐलान किया. पेरिस ओलंपिक में शानदार कुश्ती की नुमाइश करते हुए विनेश ने महिलाओं के 50 किलो कैटेगरी के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी. वो ओलंपिक फाइनल खेलने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बन चुकी थीं. लेकिन, फाइनल से कुछ घंटे पहले उन पर ओवरवेट होने का आरोप लगा और वो डिस्क्वालिफाई कर दी गईं.
रियो से पेरिस तक… सपना हो ना सका अपना!
एक दशक से भी ज्यादा समय से इंटरनेशनल कुश्ती की मैट पर सक्रिय विनेश फोगाट का ओलंपिक में मेडल जीतना सपना रहा था. ये उनकी मां का भी सपना था. लेकिन, लगातार तीसरे ओलंपिक में शिरकत करने के बाद भी विनेश ऐसा नहीं कर सकीं.
विनेश ने रियो 2016 में ओलंपिक में डेब्यू किया था, जहां उन्हें इंजरी के चलते बाहर होना पड़ा था. उसके बाद टोक्यो ओलंपिक में विनेश फोगाट का सफर क्वार्टर फाइनल में थम गया था. जबकि, पेरिस ओलंपिक में जब वो एक नया इतिहास लिखने से बस एक कदम दूर थीं, तभी उन्हें लेकर आए अयोग्य करार दिए जाने के फैसले ने ना सिर्फ उनका बल्कि पूरे हिंदुस्तान का दिल तोड़ दिया.