केजरीवाल की जमानत पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई, SG ने कहा- अदालत को गुमराह कर रहे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की मांग पर राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई जारी है. खराब सेहत और मेडिकल टेस्ट का हवाला देते हुए केजरीवाल ने 7 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी है. ईडी के वकील एएसजी एसवी राजू वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े हैं. ईडी ने कहा है कि हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है.
वहीं अरविंद केजरीवाल के वकील एन हरिहरन कोर्ट में मौजूद हैं. एस जी तुषार मेहता भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही जुड़े हैं. अरविंद केजरीवाल ने सरेंडर की डेडलाइन से सिर्फ 3दिन पहले राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. इस दौरान ईडी के वकील ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया.
केजरीवाल कोर्ट को गुमराह कर रहे
ASG राजू ने बहस की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत केवल चुनाव प्रचार के लिए मिला था. इन्हें 2 जून को सरेंडर करना है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कही भी नहीं कहा की अरविंद अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल कर सकते हैं. SG तुषार मेहता ने तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल कोर्ट को मिसलीड कर रहे हैं. कोर्ट के सामने तथ्य छुपा रहे हैं. SG ने कहा कि क्या ये अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोडीफाई कर सकती है. मेरी जानकारी के मुताबिक नही, केवल सुप्रीम कोर्ट ही कर सकता है.
ASG ने क्या तर्क दिए?
ASG ने कहा कि जहां तक नियमित जमानत का सवाल रहा तो उन्हें हिरासत में होना चाहिए. आज की तारीख में वो हिरासत में नहीं है. केजरीवाल को अंतरिम जमानत इसलिए मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी. वह यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक्स्टेंशन की मांग कर रहे हैं. केजरीवाल को अंतरिम जमानत राऊज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली है वो सुप्रीम कोर्ट से मिली है तो इस कोर्ट से अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कैसे कर सकते हैं.
ASG राजू ने ये भी दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सिर्फ ये छूट मिली थी कि वो नियमित ज़मानत के लिए निचली अदालत जा सकते है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो यहां अंतरिम ज़मानत की मांग करने लगें. उनकी 7 दिनो की अंतरिम जमानत की मांग सुनवाई लायक नहीं है.
केजरीवाल की याचिका में तथ्यों की कमी
ASG राजू ने कहा कि PMLA के सेक्शन 45 के तहत ज़मानत की दोहरी शर्त का प्रावधान अंतरिम जमानत पर भी लागू होता है. यहाँ भी कोर्ट को ज़मानत देने से पहले इस पहलू पर सन्तुष्ट होना होगा कि केजरीवाल के खिलाफ केस बनता ही नहीं है.
ASG ने साथ ही ये दलील भी दी है कि अरविंद ने इस कोर्ट को इस बाबत अपनी याचिका में नही बताया कि उन्होंने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी लेकिन रजिस्टार जरनल ने जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने इस तथ्य को अदालत से छुपाया है. अरविंद जिस टेस्ट को लेकर 7 दिनों की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कर रहे है, दरअसल उसके जरिए अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है.