कोर्ट के आदेश के बाद भी झूठ फैला रहे CM एन चंद्रबाबू नायडू… प्रसादम विवाद पर बोले आंध्र प्रदेश पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी

तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी झूठी खबरें फैलाने के लिए मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए. वह सरासर झूठ फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह समझ से परे हैं कि मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर यह क्यों पोस्ट कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने वाईएसआरसीपी के प्रति गुस्सा व्यक्त किया है.
प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर पूर्व सीएम ने कहा कि नायडू के पिछले शासनकाल (2014 से 2019) में 14 बार टैंकर वापस भेजे गए थे. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम्स (TTD) में प्रसादम निर्माण के लिए एक मजबूत प्रणाली लागू की गई है. गुणवत्ता जांच पास किए बिना टैंकरों को उपयोग के लिए प्रवेश की अनुमति नहीं है. सामानों का उपयोग करने से पहले तीन बार टेस्टिंग होना चाहिए. यदि कोई टैंकर एक भी टेस्टिंग में सफल नहीं हो पाता है तो उसे बिना उपयोग किए ही वापस भेज दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यीय एसआईटी का किया है गठन
प्रसाद में मिलावट के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतंत्र जांच के लिए नई पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी पर एसजी की ओर से भरोसा जताए जाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने उसे खत्म कर दिया.
इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर यानी सोमवार को कहा था कि अच्छा ये होगा कि सॉलिसिटर जनरल इस मामले में सहयोग करें कि क्या एसआईटी जांच को ही जारी रहने दिया जाए या फिर किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए?
सितंबर महीने की शुरुआत में सीएम ने किया था दावा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछले महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू तैयार करने में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. इसके बाद वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सीएम नायडू राजनीतिक लाभ के लिए घृणित आरोप लगाया है.
‘रिपोर्ट देखकर नहीं लगता प्रसाद में मिलावट’
मुद्दे को लेकर 30 सितंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाए. अदालत ने पूछा कि जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है वो जुलाई की है, लेकिन मुख्यमंत्री इसको लेकर सितंबर में बयान देते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट को देखकर लगता है कि कथित मिलावट वाला घी लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल ही नहीं हुआ था.

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