कोलकाता कांड के आरोपी का हो रहा साइकोलॉजिकल टेस्ट, क्या जानना चाहती है CBI?

पूरे देश में कोलकाता रेप-मर्डर केस के आरोपी को सजा दी जाने की मांग की जा रही है. जहां सीबीआई एक ओर आरके कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल से पूछताछ कर रही है, तो वहीं दूसरी और मामले के आरोपी संजय राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट भी शुरू कर दिया है. इसके लिए पांच डॉक्टरों की सीबीआई की CFSL टीम कलकत्ता पहुंचीं. वो संजय राय से कुछ सवाल करेगी जिसके लिए बाकायदा सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की गई है.
दरअसल इस टेस्ट को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी यानी की आरोपी के दिमाग का साइकोलॉजिकल पोस्टमार्टम करना कहते है. इससे पता चलता है कि आरोपी के दिमाग में क्या चल रहा है. इस टेस्ट के लिए सीबीआई को किसी भी तरह की कोर्ट की इजाजत लेने की कोई जरूरत नही पड़ती है. लेकिन जरूरी बात ये है की इस टेस्ट के जरिए और इस टेस्ट के बाद आरोपी का कोर्ट की अनुमति से ब्रेन मैपिंग, लाइव डिटेक्टर, नार्को टेस्ट करवाया जा सकता है.
झूठ पकड़ने का डिवाइस
इस टेस्ट में सीबीआई लेयर्ड वॉइस एनालिसिस यानी झूठ पकड़ने के एक डिवाइस में संजय रॉय की आवाज को डाल सकती है और उस वॉइस के जरिए ये पता चल सकता है कि आरोपी से जो सवाल पूछे गए हैं, क्या वो उनके जवाब देते वक्त सच बोल रहा है या नही. अब ऐसे में ये देखना होगा कि सीबीआई आरोपी से क्या क्या सवाल करती है. क्योंकि पूरे देश को अब बस उस पल का इंतजार है, जब आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले.
कब मिलेगा इंसाफ?
साल 2012 में हुए निर्भया रेप कांड के आरोपियों को 8 साल बाद सजा मिली थी. उसके बाद भी महिलाओं के साथ बर्बरता के कई मामले सामने आए. अब ऐसे में यूजियर डॉक्टर के साथ हुए इस दुष्कर्म के बाद पूरा देश गुस्सा से भरा हुआ है. लोग सड़कों पर उतकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. कई हॉस्पिटल के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सबकी जुबान पर बस एक ही सवाल है कि अगर देश में डॉक्टर सुरक्षित नहीं है, तो फिर और कौन होगा?

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