कोलकाता कांड: डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर IMA ने पीएम मोदी को लिखी चिठ्ठी, रखी ये बड़ी मांग

बंगाल के आर जी कर मेडिकल कॉलेज की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस मामले को लेकर पूरे देश में आक्रोश और गुस्सा है. बीती 15 अगस्त को एक बड़ी भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ की. इसके साथ ही जिस अस्पताल में पीड़िता का शव मिला वहां तो इतनी तोड़फोड़ की गई कि कई डॉक्टर महिलाएं भी हिंसा की चपेट में आ गई. इस घटना से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी हैरान है.
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा. इसमें एसोसिएशन ने डॉक्टरों की मांगों पर दखल देने की मांग की है. आईएमए ने अपने पत्र में लिखा कि बीती 9 अगस्त 2024 की सुबह आर जी कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में ड्यूटी के दौरान चेस्ट मेडिसिन की एक युवा पोस्ट ग्रेजुएट के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.
डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर लिखा पत्र
इसने चिकित्सा जगत और पूरे देश को समान रूप से झकझोर कर रख दिया है. उन्होंने पत्र में लिखा कि 15 अगस्त 2024 को अस्पताल में एक बड़ी भीड़ द्वारा तोड़फोड़ की गई, जिसने उस क्षेत्र सहित अस्पताल के विभिन्न हिस्सों को नष्ट कर दिया, जहां पीड़िता मिली थी. पेशे की प्रकृति के कारण डॉक्टर और विशेषकर महिलाएं हिंसा की चपेट में हैं. अस्पतालों और परिसरों के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा प्रदान करना अधिकारियों का काम है. डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार को एक्शन लेना चाहिए.
आरजी कर, कोलकाता की घटना ने अस्पताल में हिंसा के दो आयामों को सामने ला दिया है. महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी के कारण अपराध और बर्बरता ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. देश भर में डॉक्टरों ने आज गैर-आवश्यक सेवाएं वापस ले ली हैं और देशभर के डॉक्टरों ने आज सिर्फ इमरजेंसी में ही सेवाएं प्रदान की हैं.
आईएमए की 6 मांगे

सभी अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होना चाहिए.
जरूरी सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र बनाया जाए.
अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए.
रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव किया जाए.
अपराध की समय-सीमा में सूक्ष्म एवं पेशेवर जांच कर न्याय दिलाया जाए.
शोक संतप्त परिवार को क्रूरता के अनुरूप उचित और सम्मानजनक मुआवजा मिले.

आईएमए ने लेटर में आगे लिखा कि इससे महिला डॉक्टरों को अस्पताल में काम करने के लिए आत्मविश्वास मिलेगा. क्योंकि देशभर में 60 परसेंट भारतीय डॉक्टर महिलाएं हैं. कुल दांतो के डॉक्टरों में महिलाए 68%, फिजियोथेरेपी में 75% और नर्सिंग में 85% तक है. इन सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल के लिए शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा जरूरी है. आईएमए ने आगे लिखा, “हम हमारी मांगों को पूरा करने के लिए उचित उपाय सुनिश्चित करने के लिए आपके सौम्य हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं.”

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