कोलकाता केस: अनशन पर बैठे डॉक्टर की हालत बिगड़ी, सरकार ने जांच के लिए स्पेशल टीम भेजी गई
कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हत्या और रेप के बाद शुरू हुआ धरना प्रदर्शन अभी तक चल रहा है. पीड़िता को इंसाफ दिलाने को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब आमरण अनशन में बदल गया है. जूनियर डॉक्टर अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं. धरना पर बैठे एक जूनियर डॉक्टर की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डॉक्टर की पहचान अनिकेत महतो के रूप में हुई है, जो शनिवार शाम से आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टरों में से एक हैं. घटना की जानकारी देते हुए सीनियर डॉक्टर सुवर्ण गोस्वामी ने कहा, अनिकेत महतो की तबीयत बिगड़ गई है. उन्हें आरजी कर अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती किया गया है.
दो महीने से चल रहा आंदोलन
महतो और अन्य डॉक्टर पिछले दो महीनों से पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. महतो के साथ मौजूद एक अन्य आंदोलनकारी डॉक्टर ने कहा कि उनकी बीपी सामान्य से कम दर पर चल रही है और उनके अन्य स्वास्थ्य मानक भी सामान्य नहीं हैं.
इस घटना के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने चार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की एक टीम को एस्प्लेनेड क्षेत्र में उस स्थल पर भेजा है, जहां चिकित्सक अनशन पर बैठे हैं ताकि पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल कर रहे सात चिकित्सकों की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन किया जा सके.
डॉक्टरों का सामूहिक इस्तीफा
महिला डॉक्टर को इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान किया है. बुधवार को आरजी कर अस्पताल के 100 से ज्यादा सीनियर डॉक्टरों ने अपना इस्तीफा दे दिया.
धीरे-धीरे यह अभियान राज्य के अन्य जिलों तक फैल रहा है. बुधवार को ही नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के 50 सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी ऐसी ही खबरें चल रही हैं. प्रदेश में स्थित सियालदह के एनआरएस मेडिकल कॉलेज, मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज सहित अन्य मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने अपनी मांगें नहीं माने जाने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है.