कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस : पोस्टमार्टम में क्यों किया जाता है अंगों का वजन? एक्सपर्ट्स से जानें
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला ट्रेनी डॉक्टर के मर्डर और रेप की जांच सीबीआई कर रही है. महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सकी हत्या को लेकर कई थ्योरी सामने आ रही है. इस बीच एक्सपर्ट्स ने बताया है की रेप के मामलों में जब पोस्टमार्टम किया जाता है तब शरीर के अंगों को निकाला जाता है और उनका वजन किया जाता है. इसमें महिला के यूट्रस को निकालकर उनका वेट भी नापा जाता है.
दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में फॉरेंसिक विभाग में डॉ. बीएन मिश्रा बताते हैं की पोस्टमार्टम के दौरान अंगों को निकालकर वजन किया जाता है और फिर उनको शरीर में डालकर बॉडी को सील कर दिया जाता है. अगर किसी अंग का वजन सामान्य से अधिक है तो यह संकेत होता है की शरीर में कोई समस्या है. इसी के आधार पर फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को तैयार किया जाता है. अंगों का वजन करने से मृतक के पोस्टमार्टम की मेडिकल रिपोर्ट सही तरीके से तैयार करने में मदद मिलती है.
क्या महिला डॉक्टर के शरीर में था 150 ग्राम सीमन?
ट्रेनी डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉक्टरों के संगठन के एक डॉक्टर ने कहा है है की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसके प्राइवेट पार्ट में 150 ग्राम सीमन मिला है. जो किसी एक व्यक्ति का नहीं हो सकता है. डॉक्टर की ओर से दी गई ये जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित की गई है.
इस बयान के कुछ और मीडिया रिपोर्ट्स में छपने के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जो जानकारी दी गई है वह गलत है.महिला के प्राइवेट पार्ट में 150 ग्राम सीमन वाली बात ठीक नहीं है. महिला के प्राइवेट पार्ट्म का वजन 150 ग्राम था. प्राइवेट पार्ट में मिले लिक्विड का वजन 150 ग्राम नहीं था. उन्होंने कहा की लिक्विड को ग्राम नहीं बल्कि मिलीलीटर में नापा जाता है.
इस बारे में डॉ. बीएन मिश्रा बताते हैं कि रेप और हत्या के मामलों में जब पोस्टमॉर्टम किया जाता है तो महिला का यूट्रस निकाला जाता है और उसका वजन किया जाता है. महिला के यूट्रस का वजन सामान्य तौर पर 150 ग्राम होता है. इस दौरान यूट्रस में कुछ तरह पदार्थ भी मिल सकता है. जो प्राइवेट पार्ट में मौजूद सीमन या फिर म्यूकस हो सकता है.
पोस्टमार्टम क्या होता है?
जब किसी इंंसान की मृत्यु किसी दुर्घटना समय से पहले या किसी दूससे कारण से होता है तो ऐसे में व्यक्ति की डेड ब़ॉडी का पोस्टमार्टम किया जाता है. इससे मौत के कारणों की सही जानकारी मिलती है.