कोलकाता रेप केस: बैकफुट पर ममता! 24 घंटे के अंदर 42 डॉक्टरों का ट्रांसफर ऑर्डर लिया वापस
कोलकाता में आरजी कॉलेज एंड हॉस्पिटल में युवा महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर में न्याय की मांग को लेकर पूरे देश में आंदोलन किया जा रहा है. बंगाल में डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने 42 डॉक्टरों का तबादला कर दिया था. ममता बनर्जी सरकार द्वारा डॉक्टरों के तबादले का जमकर विरोध हुआ. विरोध के कारण ममता बनर्जी की सरकार को 24 घंटे के अंदर अपना फैसला वापस लेना पड़ा.
आरजी कर कांड के विरोध में डॉक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. नतीजतन स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल 42 डॉक्टरों का तबादला आदेश रद्द कर दिया. राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायणस्वरूप निगम ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की घोषणा की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तबादले के पीछे कोई और वजह नहीं है. यह नियमित था. इस तबादले का फैसला दो महीने पहले हुआ था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ”जिस ट्रांसफर की बात हो रही है उसकी प्रक्रिया आरजी कर की 9 अगस्त की घटना से करीब दो महीने पहले ही शुरू हो गई थी. यहां तक कि संबंधित अधिकारियों ने इस हस्तांतरण की अनुमति भी काफी पहले दे दी थी. लेकिन नामों की स्पेलिंग से लेकर कई अहम मसलों को दुरुस्त करने के बाद ट्रांसफर ऑर्डर जारी करने में देरी हुई. लेकिन हम वह आदेश भी वापस ले रहे हैं.”
42 डॉक्टरों का किया गया था तबादला
यह आदेश क्यों रद्द किया गया, यह बताते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि डॉक्टर अब अलग-अलग जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें बदलने से सेवा में व्यवधान हो सकता है. इसलिए तबादले का फैसला वापस ले लिया गया. इसमें कोई विवाद नहीं है. स्थानांतरण आदेश तत्काल निरस्त किया जाता है. नारायणस्वरूप ने कहा कि इस संबंध में अगले फैसले की घोषणा कुछ दिनों में की जाएगी.
ट्रांसफर का आदेश लिया वापस
शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर इस तबादला आदेश की घोषणा की. सरकारी नियमों के मुताबिक अधिसूचना में ‘राज्यपाल की इच्छा पर जिम्मेदारी’ का संदेश भी था. लेकिन जैसे ही यह अधिसूचना सामने आई, शोर मच गया. बीजेपी का आरोप है कि डॉक्टरों ने आरजी कर हॉस्पिटल में डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया था. इसीलिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की है.
ट्रांसफर का हुआ था विरोध
उधर, डॉक्टरों के संगठन यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन ने डॉक्टरों के तबादले का विरोध करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी की सरकार ने अन्यायपूर्ण तरीके से दंडात्मका कार्रवाई की है, लेकिन उन लोगों की न्याय की मांग को लेकर सरकार नहीं रोक सकती है. उन लोगों का न्याय की मांग पर आंदोलन जारी रहेगा.