कोलकाता रेप केस: RG Kar में ड्रग्स, सुसाइड और मौत का चलता रहा है खेल, जानिए दिल दहलाने वाली कहानियां
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में स्नातकोत्तर की प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. पूरे देश के डॉक्टर और हस्तियां रेप और हत्या के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. कोलकाता पुलिस ने इस घटना में आरोपी के तौर पर संजय रॉय नाम के सिविक वालंटियर को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, मृतक के परिजनों समेत कई लोगों का मानना है कि इसके पीछे कुछ और साजिश हैं. आरोप ये भी लग रहे हैं कि प्रशासन इन्हें छुपाने की कोशिश कर रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई ने रेप-मर्डर मामले की जांच शुरू की है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ऐसी रहस्यमयी मौत हुई है. इससे पहले भी मेडिकल कॉलेज ऐसी कई घटनाएं घट चुकी हैं. कभी छात्रों की, कभी प्रोफेसरों की, कभी हाउस स्टाफ की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. अस्पताल में अश्लीलता का धंधा चलने का आरोप लगा है. कभी ड्रग्स रैकेट तो कभी अश्लील काम किये जाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. अब ट्रेनी छात्रा की मौत के बाद अब फिर से आरजी कर अस्पताल सवालों के घेरे में है.
आइए जानते हैं कि इसके पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पहले कौन-कौन से घटनाएं घटी हैं, जिसे लेकर बवाल मचा था. उनमें से ज्यादातर मौत के मामलों पर अभी भी रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है:-
2001 में हॉस्टल में मिला था सौमित्र का शव
25 अगस्त 2001 को सौमित्र बिस्वास नाम के चौथे वर्ष के छात्र का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के कमरे में लटका हुआ पाया गया था. डॉक्टर की मृत छात्रा की तरह ही अस्पताल के अधिकारियों ने तुरंत उस घटना को आत्महत्या करार दिया था. लेकिन पीड़ित परिवार और मृत छात्र के साथियों ने मौत पर संदेह जताया.
कोलकाता रेप केस और सीबीआई.
सौमित्र की मां और उनके कुछ सहपाठियों ने आरोप लगाया कि कॉलेज हॉस्टल में सेक्स का रैकेट चल रहा है. होस्टल के कमरे में अश्लील फिल्म फिल्माया गया था. वहां कई अश्लील काम किये जाने के आरोप लगे थे.
कई छात्रों ने दावा किया था कि सौमित्र इन काली गतिविधियों का पर्दाफाश करना चाहता था. इसी कारण उसे मार डाला गया था. पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन मामला जब कोर्ट तक पहुंचा तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीआईडी जांच का आदेश दिया. सौमित्र की सहपाठी अरोमिता दास और अमित बाला को गिरफ्तार किया गया, हालांकि, मामला अभी तक अनसुलझा है. सौमित्र की मौत पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.
2003 में हाउस स्टॉफ ने किया सुसाइड
5 फरवरी 2003 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हाउस स्टॉफ अरिजीत दत्ता ने आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया था कि अरिजीत ने पहले अपने हाथ में एनेस्थीसिया दिया. उससे हाथ में लकवा मार गया था. फिर ब्लेड से अपने हाथ की नस काट ली. फिर मेन हॉस्टल की छत से नीचे कूद कर जान दे दी. शव के पास सर्जिकल चाकू भी बरामद किया गया था.
महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर बवाल
यह सरस्वती पूजा से एक दिन पहले की घटना थी. बीरभूम के शिउरी के इस 24 वर्षीय युवक की मौत को लेकर भी सवाल उठे थे, क्योंकि पुलिस को कोई सुसाइड नोट या ऐसी कोई वजह नहीं मिली कि अरिजीत ने आत्महत्या क्यों की? अरिजीत बहुत ही काम बात करता था. पुलिस ने तहकीकात के बाद बताया कि इसके पीछे असफल प्रेम की घटना हो सकती है. लेकिन निश्चित रूप से कुछ निष्कर्ष नहीं निकला और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
चौथे वर्ष के छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश
अरिजीत के कुछ ही दिन बाद ही मेडिकल कॉलेज के चौथे वर्ष के छात्र प्रवीण गुप्ता ने 16 फरवरी, 2003 को आत्महत्या का प्रयास किया. हरियाणा के रहने वाला प्रवीण मानिकतला के लाल मोहन हॉस्टल में रहता था. देर रात उसने अपने दोनों हाथों की कलाई की नसें काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि सौभाग्य से वह बच गया.
एमहर्स्ट स्ट्रीट पुलिस जांचकर्ताओं ने बताया था कि उसने एक प्रेमिका को संबोधित करते हुए एक सुसाइड नोट लिखा था. प्यार में असफल होने के बाद वह अवसादग्रस्त था और इसलिए उसने आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि, उनके सहपाठियों और रूम-मेट्स के अनुसार, प्रवीण गुप्ता बिल्कुल भी अवसाद से पीड़ित नहीं थे. वे सोच भी नहीं सकते कि वह आत्महत्या करने की कोशिश कर सकता है.
प्रवीण गुप्ता के पिता ने बताया था कि उनका बेटा किसी बात को लेकर परेशान था. हालांकि, प्रवीण को किस बात की चिंता थी, यह उन्होंने कभी सार्वजनिक नहीं किया. इससे यह रहस्य रहस्य ही बना रह गया.
2016 में कॉलेज के प्रोफेसर का मिला शव
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मेडिसिन के प्रोफेसर थे, गौतम पाल. 24 अक्टूबर 2016 को 52 वर्षीय डॉक्टर का शव दक्षिण दमदम में उनके किराए के घर से बरामद किया गया था. बदबू आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी. दरवाजा तोड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें पहली मंजिल पर एक कमरे में बिस्तर पर मृत पाया. कोई सुसाइड नोट नहीं मिला.
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर के विरोध में प्रदर्शन
पुलिस ने अनुमान लगाया कि अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई होगी. हालांकि, वे मौत के कारण की पुष्टि नहीं कर सके. चूंकि दरवाजा अंदर से बंद था, इसलिए पुलिस ने किसी भी बाहरी संलिप्तता से इनकार किया. यह पता लगाने के लिए कि क्या उसे जहर दिया गया था, गौतम पाल के पेट की सामग्री भी संरक्षित की गई थी. जांचकर्ताओं को उसके कमरे के फर्श पर खून के धब्बे और चेहरे पर कुछ चोट के निशान भी मिले थे, लेकिन उनकी मौत को लेकर रहस्य अभी भी बना हुआ है.
2020 में ट्रेनी डॉक्टर ने कर ली थी आत्महत्या
उस वक्त कोविड-19 महामारी चल रही थी. स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की महिला डॉक्टर पॉलमी साहा की दुखद मृत्यु हो गई. पॉलमी ने आरजी कर अस्पताल की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. दोस्तों और सहकर्मियों ने कहा कि शायद वह डिप्रेशन की शिकार थी. वह काफी समय से कोविड-19 क्लिनिक में काम कर रही थी. पुलिस ने कहा कि उसने 1 मई को सुबह 11 बजे, अपनी शिफ्ट शुरू होने से ठीक पहले छठी मंजिल से छलांग लगा दी. हालांकि इस मामले में कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला. पॉलमी की मौत को लेकर कई सवाल भी उठे. जिनका जवाब आज तक नहीं दिया गया है. मामले की जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.