कौन हैं धवल बुच? हिंडनबर्ग रिपोर्ट से सुर्खियों में आए सेबी चीफ के पति

हिंडनबर्ग का भूत एक बार फिर से बाहर आ गया है. अब हिंडनबर्ग ने सेबी चीफ और उनके पति को निशाने पर लिया है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी चीफ और उनके पति कथित अडानी घोटाले में शामिल हैं. हिंडनबर्ग ने व्हीसलब्लोअर के हवाले से कहा कि अगर सेबी अडानी की ऑफ शोर कंपनियों की जांच करती तो बुच दंपत्ति फंस सकते थे. खास बात तो ये है कि इस बार सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उनके पति का नाम भी सामने आया है. माधबी पुरी बुच को तो हर कोई जानता है. लेकिन पहली बार सुर्खियों में आए सेबी चीफ के पति धवल बुच आखिर कौन है? आइए आपको भी बताते हैं उनके बारे में. उससे पहले जरा उस आरोप को समझने की कोशिश करते हैं, जोकि हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए हैं.
हिंडनबर्ग के बुच दंपत्ति पर आरोप

हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख बुच और उनके पति धवल बुच के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका इस्तेमाल अडानी ग्रुप में धन की कथित हेराफेरी के लिए किया गया था.
हिंडनबर्ग के मुताबिक, बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. विनोद अडानी, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं.
हिंडनबर्ग के अनुसार ये संस्थाएं कथित तौर पर विनोद अडानी द्वारा पैसे निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क में शामिल थीं, जिससे हितों के संभावित टकराव के कारण सेबी की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे थे.
हिंडनबर्ग के मुताबिक, कथित तौर पर ये निवेश 2015 में किए गए थे. वर्ष 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी पुरी बुच की नियुक्ति और मार्च 2022 में इसका चेयरपर्सन बनने से काफी पहले ये निवेश किए गए थे.
रिपोर्ट इसके मुताबिक, बरमूडा स्थित ग्लोबल ऑपर्च्युनिटीज फंड भी इस फंड में निवेश करने वालों में शामिल था. अडानी ग्रुप से जुड़ी यूनिट्स द्वारा समूह की कंपनियों के शेयरों में कारोबार के लिए कथित तौर पर ग्लोबल ऑपर्च्युनिटीज फंड का ही इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक एक व्हिसलब्लोअर से प्राप्त दस्तावेजों से पता चलता है कि 22 मार्च, 2017 को बुच को सेबी चेयरपर्सन नियुक्त किए जाने से कुछ ही हफ्ते पहले धवल बुच ने मॉरीशस फंड प्रशासक ट्राइडेंट ट्रस्ट को ईमेल लिखा था. यह ईमेल ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड (जीडीओएफ) में उनके और उनकी पत्नी के निवेश के बारे में था.

कौन हैं धवल बुच?
धवल बुच वर्तमान में ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में एक सीनियर एडवाइजर हैं, और गिल्डन बोर्ड में एक नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में भी कार्य करते हैं. वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) के पूर्व छात्र हैं, जहां उन्होंने 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट किया था. पहले, उन्होंने यूनिलीवर में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्य किया और इसके चीफ प्रेक्योरमेंट ऑफिसर बन गए। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल में उन्हें “प्रेक्योरमेंट और सप्लाई चेन के सभी पहलुओं में गहरा अनुभव” बताया गया है.
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने क्या दावा किया?
हिंडनबर्ग द्वारा उद्धृत व्हिसिलब्लोअर दस्तावेजों के अनुसार, धवल बुच की कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर है. दस्तावेजों से पता चलता है कि जब विनोद अडानी की कंपनियों में कथित निवेश हुआ था तब वह यूनिलीवर के साथ थे. इसके अलावा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर के रूप में धवल बुच के कार्यकाल के दौरान, कंपनी ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को स्पांसर किया, जो आईपीओ के लिए सेबी की मंजूरी प्राप्त करने वाला भारत का दूसरा और चौथा रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट था.
आरोप को बताया बेबुनियाद
वहीं सेबी चीफ और उनके पति ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है. इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है. सभी आवश्यक खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को दिये जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. बुच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ण पारदर्शिता को ध्यान में रखकर, नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी किया जाएगा.

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