क्या अंधविश्वास और टोने-टोटके के खिलाफ बनेगा सख्त कानून? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें जादू-टोना और अंधविश्वास के खिलाफ सख्त कानून बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है. इसमें दिल्ली, यूपी, केरल समेत देशभर में हुई घटनाओं का हवाला दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता अश्विनी ने कहा है कि देश में लोगों को बेवकूफ बनाकर, डराकर और जादू-टोना से ठीक करने का दावा करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है. सख्त कानून न होने की वजह से अपराधी बच रहे हैं. केंद्र सरकार और सभी राज्यों समेत केंद्र शासित प्रदेशों को याचिका में पक्षकार बनाया गया है.
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र और राज्यों को विशेषज्ञ समिति गठित कर उचित कानून बनाने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश जारी करने की मांग है. सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका उस वक्त आई है, जब यूपी के हाथरस भगदड़ मामले में 121 लोगों की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.
अक्सर सुर्खियों में रहते हैं जादू-टोना और अंधविश्वास के मामले
जादू-टोना और अंधविश्वास के मामले आए दिन सुर्खियां बनते हैं. इसी साल मई महीने में राजस्थान के बहरोड़ जिला हॉस्पिटल में अंधविश्वास का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था. यहां ओपीडी के बाहरमेन गेट पर एक तांत्रिक घंटों बैठकर तंत्र विद्या करता रहा. किसी ने उसको ऐसा करने से रोका भी नहीं. दो गाड़ियों में बैठकर करीब 24-25 लोग आए थे, जो इसमें शामिल थे.
आत्मा की मुक्ति के नाम पर अस्पताल में अंधविश्वास
भीलवाड़ा जिले के एक गांव के रहने वाले शख्स की एक एक्सीडेंट में करीब 20 साल पहले मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों को तांत्रिकों ने बताया कि मृतक की आत्मा अभी भी भटक रही है. उसकी आत्मा की मुक्ति नहीं कराएंगे तो उन्हें भी उस शख्स की आत्मा से छुटकारा नहीं मिलेगा. फिर क्या था, लोग जिला हॉस्पिटल पहुंच गए थे.
बीते साल महाराष्ट्र के पुणे दिल को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया था.पुणे शहर के विश्रांतवाडी पुलिस स्टेशन में एक 27 साल की महिला ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी. उसने कहा था कि पति, सास, ससुर, देवर और मौसेरे देवर ने उसके पीरियड्स के ब्लड को बाजार में 50 हजार रुपए में बेचाहै. यह कामजादूटोना के लिए किया गया है.