क्या आपका भी UPI पेमेंट हो जाता है फेल? RBI ने बताई इसकी वजह

डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत का डंका पूरी दुनिया में बजता है. यूपीआई जैसी टेक्नोलॉजी ने इस काम को बेहद आसान बनाया है और खास से लेकर आम आदमी तक डिजिटल पेमेंट करने में सक्षम बना है. फिर भी कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि आपका डिजिटल या यूपीआई पेमेंट फेल हो जाता है. अब आरबीआई ने इसकी वजह का पता लगा लिया है.
देश में यूपीआई और रुपे जैसी डिजिटल पेमेंट सर्विस को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) चलाता है. आरबीआई ने जब यूपीआई पेमेंट फेल होने के मुद्दे पर जांच-पड़ताल की तो कई रोचक जानकारियां सामने आईं.
NPCI नहीं पेमेंट फेल होने की वजह
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी जांच-पड़ताल में पाया कि लोगों का डिजिटल पेमेंट यूपीआई या एनपीसीआई के सिस्टम में किसी कमी की वजह से नहीं, बल्कि बैकिंग सिस्टम में खराबी की वजह से फेल होता है. इसलिए उन्हें ऑनलाइन पेमेंट में रुकावट का सामना करना पड़ता है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को जून की मौद्रिक नीति का ऐलान किया. इस बार भी मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही स्थिर रखा है. शक्तिकांत दास ने इस दौरान संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि केंद्रीय बैंक के संबंधित अधिकारी ऑनलाइन भुगतान में रुकावट के हरेक मामले का अध्ययन करते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसकी वजह क्या रही?
इसी स्टडी से पता चला कि एनपीसीआई या यूपीआई के प्लेटफॉर्म में कोई समस्या नहीं है. बल्कि ये समस्या बैंक की ओर से आती है. इसलिए हमें यूपीआई सिस्टम को लेकर नहीं बल्कि बैंकिंग सिस्टम में आने वाली खराबी को ध्यान में रखना चाहिए.
हर मामले की NPCI से होती है पूछताछ
शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई की टीमें जब भी पेमेंट में रुकावट की जांच करती है, तो हर बार एनपीसीआई से भी संपर्क करती हैं. सिस्टम में खराबी के समय (डाउन टाइम) को कम-से-कम रखने के लिए आरबीआई ने इन सब मामलों में बहुत सख्ती बरतती है. हाल में जब कोटक महिंद्रा बैंक के कामकाम में उसे कोई टेक्निकल प्रॉब्लम मिली थी, तो आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए दिए थे.

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