क्या आपको भी WhatsApp पर मिला ई-चालान? मतलब, आप निशाने पर हैं
आजकल दुनिया हाईटेक हो गई है. पेमेंट से लेकर चालान तक अब सीधा ऑनलाइन भेजे जाते हैं. तो इस बीच क्या आपके पास भी WhatsApp पर कोई ई-चालान आया है? अगर हां और आप जुर्माना भरने जा रहे हैं, तो जरा ठहर जाइए. चालान भरने से पहले ये तो चेक कर लीजिए कि ये सही है या नकली. दरअसल जालसाजों ने लोगों को ठगने का एक नया पैंतरा निकाला है. इसमें हैकर्स आपको फर्जी लिंक भेजकर आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं. इनसे बचने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है.
वियतनाम के हैकर्स के निशाने पर लोग
शीर्ष साइबर सुरक्षा फर्म CloudSEK की हालिया रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल वियतनाम हैकर समूह के स्कैमर्स WhatsApp पर नकली ई-चालान भेजकर भारतीय उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक स्कैमर्स मैसेज के जरिए लोगों को एक फर्जी ऐप डाउनलोड करने को उकसाते हैं, ऐसा करते ही ठग लोगों के व्यक्तिगत डेटा चुरा लेते हैं. जिसके जरिए वे उनके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं.
कैसे बनाते हैं लोगों को शिकार?
स्कैमर्स खुद को परिवहन सेवा या कर्नाटक पुलिस विभाग का दिखाते हैं और उन्हीं के हवाले से फर्जी मैसेज भेजते हैं. वे ई-चालान भेजकर ट्रैफ़िक उल्लंघन के लिए जुर्माना भरने की सूचना देते हैं. जब यूजर्स दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह एक APK (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) डाउनलोड करने को कहता है. ऐप के एक बार इंस्टॉल होने के बाद यह आपके कॉन्टैक्स, फ़ोन कॉल, एसएमएस और यहां तक कि डिफ़ॉल्ट मैसेजिंग ऐप बनने जैसे कई परमिशन ले लेता है. यह मैलवेयर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) और अन्य संवेदनशील संदेशों को इंटरसेप्ट करता है, जिससे हैकर्स पीड़ितों के ई-कॉमर्स अकाउंट तक पहुंच सकते हैं फिर वे गिफ्ट कार्ड खरीदते हैं और उन्हें भुनाते हैं, जिससे डायरेक्ट फंड ट्रांसफर का कोई सबूत नहीं रहता है. रिपोर्ट के मुताबिक स्कैमर्स व्रोम्बा ग्रुप के एक मैलवेयर से इस ठगी को अंजाम दे रहे हैं. अब तक इन ठगों ने 16 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी वाले की है.
इस राज्य के लोग बनें सबसे ज्यादा शिकार
इस घोटाले ने पूरे भारत में उपयोगकर्ताओं को प्रभावित किया है. स्कैमर्स के निशाने पर गुजरात के लोग सबसे ज्यादा पाए गए. उसके बाद कर्नाटक का स्थान है. ठगों की पहचान वियतनाम के बाक गियांग प्रांत से की गई है. वे खुद की पहचान छुपाने के लिए प्रॉक्सी IP का इस्तेमाल करते थे.
कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
– ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें.
– आप किन ऐप्स को अपने मोबाइल में परमिशन दे रहे हैं ये नियमित रूप से चेक करें.
– महज Google Play Store या ऐप स्टोर जैसे आधिकारिक सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करें.
– अपने डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप को अप-टू-डेट रखें.
– संदिग्ध एसएमएस गतिविधि का पता लगाने और आपको अलर्ट करने के लिए आधुनिक टूल्स का इस्तेमाल करें.
– बैंकिंग और अन्य संवेदनशील सेवाओं के लिए अलर्ट सेट करें.