क्या आप भी बनना चाहते हैं बाबा? करना होगा ये काम, इन तरीकों से होगी खूब कमाई

‘बाबा’ या ‘कथा वाचक’ या ‘आध्यात्मिक गुरु’… आजकल आप इस काम को भी एक प्रोफेशन की तरह अपना सकते है. इस काम में अगर आप निपुण बन गए और एक बार आपका नाम हो गया, तब आपकी कमाई भी भरपूर होगी. क्या आपको पता है कि ‘बाबा’ या ‘कथा वाचक’ बनने के लिए आपको क्या करना होता है? इससे कमाई किस तरह की जाती है?
‘बाबा’ या ‘कथा वाचक’ बनने के लिए आप बाकायदा पढ़ाई कर सकते हैं. भाषण देने का स्किल सीख सकते हैं और कई अलग-अलग माध्यम से कमाई कर सकते हैं. चलिए बताते हैं इनके बारे में…
बाबा बनने का कोर्स
भारत में अलग-अलग धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं. इसके अलावा कई अलग-अलग सिद्धियां भी यहां प्रचलन में हैं. वहीं विपश्यना से लेकर राजयोग तक सिखाने वाले कई मेडिटेशन सेंटर भी भारत की संस्कृति का हिस्सा हैं. इन सभी तरह के क्षेत्रों में आपके पास काम करने के बहुत से मौके हैं. आप या तो पहले से ब्रांड बन चुके या यूं कहें कि स्थापित हो चुके किसी आध्यात्मिक केंद्र में कुछ दिन अध्ययन और प्रशिक्षण पूरा करके, वहीं काम करना शुरू कर सकते हैं. या कोर्स करके ‘बाबा’ अथवा ‘कथा वाचक’ बन सकते हैं.
उत्तर भारत में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित ‘श्रीमद्भागवत कथा’ का काफी प्रचलन है. वहीं ‘राम कथा’ कहने वाले कथा वाचकों के पंडाल में भी भक्तों की बहुत भीड़ जुटती है. अगर आप ‘श्रीमद्भागवत कथा’ कहने वाले कथा वाचक बनना चाहते हैं, तो इसके लिए आप कोर्स कर सकते हैं.
‘श्रीमद्भागवत कथा’ के लिए इस्कॉन में डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है. इसकी फीस 2499 रुपए से शुरू होती है. अलग-अलग अवधि के कोर्स की फीस अलग है. इसी तरह वृंदावन में कई गुरुकुल हैं, जहां आप अलग-अलग धर्म ग्रंथों का पठन-पाठन करके कथा वाचक बन सकते हैं. इसमें बांके बिहारी भागवत प्रशिक्षण केंद्र और वैदिक यात्रा गुरुकुल प्रमुख हैं. इसी तरह आप देश के अलग-अलग आध्यात्मिक केंद्र जैसे कि बनारस, उज्जैन, इगतपुरी इत्यादि पर मौजूद गुरुकुल में गुरु दक्षिणा लेकर अध्ययन कर सकते हैं और अपने लिए कमाई के साधन जुटा सकते हैं.
कथावाचक जया किशोरी
कथा वाचक बनने के लिए ध्यान रखें ये बात
वैसे आप सिर्फ कोर्स करके कथावाचक नहीं बन सकते हैं. जानी-मानी कथा वाचक जया किशोरी ने एक बार #AskJayaKishori में लोगों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि कथावाचक बनने के लिए इंसान को 4 बातों का ध्यान रखना होता है. पहली ये कि व्यक्ति को एक सही गुरु की तलाश करनी होती है. दूसरी ये कि क्या आप खुद गुरु बनने के लायक हैं या नहीं. तीसरा ईश्वर से जुड़ी पुस्तकों का अध्ययन और चौथा व्यक्ति को आत्मिक तौर पर अच्छा इंसान बनना चाहिए.
इन तरीकों से होती है भरपूर कमाई
अगर आप ‘बाबा’ या ‘कथा वाचक’ बनते हैं, तो आपकी मुख्य कमाई कथा वाचन के लिए मिलने वाली फीस से होती है. इसके साथ आपको दक्षिणा के रूप में भी अच्छी खासी राशि मिलती है. आखिर कैसे होता है ‘सत्संग का कारोबार’?
‘सत्संग’ के इस कारोबार का गणित भी कमाल का है. धर्म की मजबूत ताकत और लाखों भक्तों का साथ होने की वजह से इन बाबा या गुरुजी महाराज को खूब दान-दक्षिणा मिलती है. कथा वाचक बनने के बाद ज्यादातर ‘बाबा’ अपने आश्रम भी खोल लेते हैं. ये आम तौर पर ‘नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन’ होते हैं. ऐसे में आपकी इनकम टैक्स की बचत होती है और आपको जमीन से लेकर कई सुविधाएं सस्ते दामों पर मिल जाती हैं.
YouTube और Reels से कमाई
आजकल सोशल मीडिया का दौर है. ऐसे में आप स्प्रिचुअल इंफ्लूएंसर भी बन सकते हैं. YouTube चैनल पर प्रवचन, Instagram या Facebook पर वीडियो डालकर भी कथावाचक आजकल खूब कमाई कर रहे हैं. वहीं टीवी चैनल पर आध्यात्मिक ज्ञान वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर भी आप पैसे कमा सकते हैं.
YouTube की बात करें तो देश के पॉपुलर ‘बाबा’ में से एक बागेश्वर धाम सरकार वाले धीरेंद्र शास्त्री महाराज के चैनल के 83 लाख और भागवत कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के चैनल के 1.43 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. इस पर आने वाले व्यूज और विज्ञापन से उनकी खूब कमाई होती है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *