क्या इजराइल के लिए हमास से बड़ा खतरा है हिजबुल्लाह? कई देशों से बड़ी सेना, खतरनाक ड्रोन समेत लाखों मिसाइल और रॉकेट से है लैस

हिजबुल्लाह मिडिल ईस्ट में इजराइल के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. इजराइली सेना लगातार कह रही है कि वह हिजबुल्लाह के किसी भी तरह के हमले का जवाब देने के लिए तैयार है लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या हिजबुल्लाह अब इजराइल के लिए हमास से बड़ा खतरा बनता जा रहा है?
हिजबुल्लाह ईरान समर्थित विद्रोही संगठन है, इसकी स्थापना 1980 में लेबनान में जारी सिविल वॉर के दौरान की गई थी. इसे सबसे ताकतवर विद्रोही संगठन के तौर पर जाना जाता है. गाजा में इजराइली हमलों के विरोध में वह पहले से ही इजराइल पर हमले करता रहा है लेकिन पिछले महीने इजराइली एयरस्ट्राइक में उसके कमांडर फुवाद शुकर की मौत हो गई जिसके बाद उसने बदला लेने की बात कही थी.
इजराइल से सीधी जंग की चेतावनी?
रविवार को इजराइल पर हुए हमले को हिजबुल्लाह ने इस बदले की कार्रवाई का हिस्सा बताया है. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह ने इजराइल को बड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि वह दिन बीत चुके हैं जब इजराइल आसानी से लेबनान पर हमला कर सकता था. उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आ सकता है जब हम मार्चिंग बैंड के साथ उस पर हमला कर सकें. उनके इस बयान से सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या हिजबुल्लाह इजराइल के खिलाफ जमीनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है? अगर हां, तो क्या हिजबुल्लाह इतना ताकतवर है कि वो इजराइल से सीधी जंग कर सके?
कितना ताकतवर है हिजबुल्लाह?
दरअसल हिजबुल्लाह चीफ ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि उनके पास करीब 1 लाख सैनिक हैं, बता दें कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं जिनके पास इतनी बड़ी सेना नहीं है. यही नहीं दावा किया जाता है कि हिजबुल्लाह के पास करीब 2 लाख मिसाइलें और रॉकेट हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2006 में इजराइल के साथ हुए संघर्ष के बाद से हिजबुल्लाह ने हथियारों का भंडार जमा करना शुरू कर दिया था. यही वजह है कि आज उसके पास 100km रेंज वाला खैबर-1, 160 km रेंज वाले जेलजल-1 समेत शाहीन-1, फतह-110 जैसे करीब 2 लाख रॉकेट और मिसाइलें हैं. हिजबुल्लाह के पास एंटी टैंक और एंटी शिप मिसाइल भी है. इसके अलावा हिजबुल्लाह के पास एयर डिफेंस सिस्टम भी है.
हिजबुल्लाह के पास हैं घातक ड्रोन
यही नहीं हिजबुल्लाह के पास 2000 किलोमीटर की रेंज वाला शहीद-129 ड्रोन भी है. यह ईरान के बनाए खतरनाक ड्रोन में से एक है. रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस ने इन शहीद ड्रोन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया है. वहीं रविवार को हिजबुल्लाह ने इजराइल पर किए हमले में कत्युशा रॉकेट का इस्तेमाल किया था. इसकी रेंज करीब 40 किलोमीटर बताई जाती है. बताया जाता है कि इसका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान से किया जाता रहा है.
इसके अलावा इसके पास 10 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-1, 43 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-3 और 75 किलोमीटर रेंज वाली फज्र-5 भी है. हिजबुल्लाह के पास पाकिस्तान की शाहीन-1 मिसाइल भी है, जिसकी रेंज करीब 13 किलोमीटर है. इसके अलावा 100 किलोमीटर रेंज वाला खैबर-1, 160 किलोमीटर की रेंज वाली जेलजल-1, 210 किलोमीटर रेंज वाली जेलजल-2 और 300 किलोमीटर की रेंज वाली फतेह-110 मिसाइल भी हिजबुल्लाह के पास मौजूद है.
ड्रोन की बात करें तो शहीद-129 के अलावा मिरसाद-1, मिरसाद-2, कर्रार और कुद्स यासिर ड्रोन इसकी ताकत बढ़ा रहे हैं. इजराइल से दशकों पुराने तनाव के बीच हिजबुल्लाह न केवल अपनी मिलिट्री विंग बल्कि पॉलिटिकल विंग को भी मजबूत किया है. हालांकि यह इजराइल से किसी भी तरह की सीधी जंग नहीं चाहता, लेकिन इजराइल के खिलाफ बीते कुछ सालों में सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है.
हिजबुल्लाह का इजराइल पर अटैक का दावा
आज भी हिजबुल्लाह ने इजराइल की रामिया साइट पर जासूसी हथियारों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन अटैक का दावा किया है. उसने बताया है कि उसके ड्रोन ने टारगेट को सीधा हिट किया है. उधर रविवार के हमले के बाद से इजराइली सेना लगातार हिजबुल्लाह के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. आज भी इजराइली सेना ने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों में हवाई हमले किए. इस हमले में हमास लीडर उमर हालिल के बुरी तरह घायल होने की जानकारी सामने आई है. जानकारी के मुताबिक हालिल कार से कहीं जा रहे थे इस दौरान इजराइली ड्रोन ने उन्हें निशाना बना लिया.

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