क्या एक व्यक्ति में दो अंगों का ट्रांसप्लांट भी हो सकता है? एक्सपर्ट्स से जानें
भारत समेत दुनियाभर में बीमारियां बढ़ रही है. बढ़ती बीमारियों के कारण ऑर्गन भी फेल हो जाते हैं. ऐसे में ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इसके लिए कोई अंगदान करने वाला चाहिए होता है. हालांकि भारत में अंगदान करने वालों की संख्या जरूरतमंदों की तुलना में काफी कम है. देश में 1 फीसदी लोग भी अंगदान नहीं करते हैं, जबकि विदेशों में यह आंकड़ा काफी अधिक है. भारत में समय पर अंग न मिलने के कारण कई मरीज जान भी गंवा देते हैं. ऑर्गन फेल होने का सबसे बड़ा कारण बीमारियां हैं. बीमारियों के कारण अंग फेल हो जाते हैं. ऐसे में मरीज की जान बचाने के लिए ट्रांसप्लांट किया जाता है.
जब किडनी फेल हो जाती है तो किडनी का ट्रांसप्लांट किया जाता है. इसी तरह लिवर, हार्ट, आंखें, स्किन और टिश्यू का भी ट्रांसप्लांट होता है. अधिकतर मामलों में एक मरीज में एक ही अंग को सर्जरी करने प्रत्यारोपित किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं की कुछ मामलों में डबल ट्रांसप्लांट भी होता है. जैसे कि किसी एक मरीज में ही किडनी-लिवर, अग्न्याशय-किडनी, या हार्ट और किडनी एक साथ ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं.
कब पड़ती है डबल ट्रांसप्लांट की जरूरत
टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीजों में किडनी फेल होने की आशंका अधिक रहती है. ऐसे मरीजों में अग्न्याशय और किडनी दोनों का ट्रांसप्लांट किया जा सकता है. मणिपाल हॉस्पिटल ओल्ड एयरपोर्ट रोड में नेफ्रोलॉजी, ट्रांसप्लांट फिजिशियन डॉ. विश्वनाथ एस बताते हैं की
किडनी और लिवर दोनों जिन लोगों में फेल हो जाते हैं उनमें लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है, और उन लोगों के लिए जिनका क्रिएटिनिन स्तर 2 से अधिक है और जिनका लिवर भी खराब है. ऐसे एक व्यक्ति में ही ये दोनों अंग ट्रांसप्लांट किए जा सकते हैं.
ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि लीवर ट्रांसप्लांट के बाद, कई रोगियों में किडनी फेल होने का भी रिस्क होता है. ऐसे में डबल ट्रांसप्लांट किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए काफी तैयारी करनी होती है. मरीज की मेडिकल फिटनेश चेक की जाती है और समय पर डोनर मिलना भी जरूरी होता है. इसके साथ ब्लड ग्रुप मैचिंग भी जरूरी है. जब यह सभी प्रोसीजर पूरा होता है तब ट्रासंप्लांट किया जाता है.