क्या पूरा पेपर 45 मिनट में हल किया जा सकता है? NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उठाए ये 10 बड़े सवाल
विवादों में घिरी नीट-यूजी-2024 परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी), केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से कई सवाल किए. एनटीए को शनिवार (20 जुलाई) दोपहर 12 बजे तक सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट घोषित करने का निर्देश देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अब सोमवार को सुनवाई होगी. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए, केंद्र और याचिकाकर्ताओं से क्या सवाल किए?
सीजेआई ने कहा कि मैंने शीर्ष 100 में से एक विश्लेषण किया है. आंध्र प्रदेश को 7, बिहार को 7, हरियाणा को 4, दिल्ली को 6, महाराष्ट्र को 4, तमिलनाडु को 6… आदि. यह दर्शाता है कि शीर्ष 100 को 12 राज्यों में वितरित किया गया है और एक यूटी में. इसलिए हमें यह देखना होगा कि पुनः परीक्षा देने वाले 1 हजार 563 छात्रों में से कितने शीर्ष 100 में आते हैं. यह हमें एनटीए बताएगा.
अगर किसी ने पेपर लीक भी किया है तो उसका मकसद सिर्फ नीट परीक्षाओं को बदनाम करने का नहीं, बल्कि पैसे कमाना था, जो स्पष्ट है.
एनटीए के अनुसार, पेपर 5 मई की सुबह लीक हुआ था. छात्रों को इसे याद करने के लिए कहा गया था. इसका मतलब है कि किसी ने 5 मई की सुबह से पहले प्रश्न पत्र हल कर लिया था. इस मामले में लीक 4 मई की रात से पहले था… तो सवाल ये है कि पेपर कब लीक हुआ?
यह बड़ा Hypothetical (काल्पनिक) है कि एक ही घंटे में पेपर हल करके छात्रों को याद करा दिया गया. छात्रों को पेपर याद कराया गया यानी कि पेपर पहले लीक हुआ है.
अगर छात्रों को सुबह 10 बजे के बाद पेपर मिला तो क्या यह संभव है कि वो 9:30 से 10:15 बजे तक 45 मिनट में पेपर हल करके छात्रों को भेज सकें. यह पूरी परिकल्पना कि 45 मिनट के भीतर उल्लंघन हुआ था और फिर एक घंटे के भीतर पूरा पेपर हल कर दिया गया, बहुत दूर की कौड़ी लगती है.
सीबीआई की जांच से हमें पता चल जाएगा कि उन्हें प्रश्नपत्र कब मिला. इससे पता चलेगा कि लीक की समयावधि क्या है? यह जितना कम होगा, व्यापक लीक की संभावना उतनी ही कम होगी. जैसे कि लीक हुए ऐसे पेपर के लिए 75 लाख का भुगतान करना 45 कुछ मिनट पहले.
गलत काम (पेपर लीक) केवल पटना और हजारीबाग में हुआ है. फिर इसके बाद हमारे पास केवल आंकड़े ही बचे हैं. क्या हम केवल इसके आधार पर कोई परीक्षा रद्द कर सकते हैं?
पटना हजारीबाग से कैसे जुड़ा है? मुझे यकीन नहीं है कि क्या पूरा प्रश्नपत्र 45 मिनट में हल किया जा सकता है, जिसमें 180 प्रश्न हों.हम विस्तार से सुनवाई कर रहे हैं लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ है. एनटीए सेंटर के हिसाब से रिजल्ट डिक्लेयर करे. शनिवार दोपहर 12 बजे तक रिजल्ट डिक्लेयर किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि हमें इस बात के लिए संतुष्ट कीजिए कि पेपर लीक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुआ है और परीक्षा रद्द होनी चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता हूं, जो दोबारा परीक्षा चाहता है. इस पर कोर्ट ने कहा किफैक्ट्स पर बात करें.
कोर्ट ने कहा, अगर 1 लाख 8 हजार लोगों को एडमिशन मिलता है और बाकी 22 लाख लोगों को नहीं मिलता तो इसका मतलब ये तो नहीं कि पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए? मामले में जांच जारी है. CBI ने जो हमें बताया है अगर वो सार्वजनिक होता है तो इसमें शामिल लोग जांच को लेकर सावधान हो जाएंगे.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा कराई थी. इसमें 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4 हजार 750 केंद्रों पर परीक्षा दी थी. इसमें 14 विदेशी शहर भी थे. इस मामले में केंद्र और एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामों में कहा था कि परीक्षा रद्द करना ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर रूप से खतरे में डालेगा, वो भी बड़े पैमाने पर पेपर लीक के किसी भी सबूत के अभाव में ऐसा करना प्रतिकूल होगा.
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